कोरबा। नेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (एनएफआईटीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक जायसवाल ने इस बात पर हैरानी जताई है कि आखिर आंध्रप्रदेश में पंजीकृत कंपनियां छत्तीसगढ़ के उद्योगों में कैसे काम कर रहीं हैं। जबकि नियमानुसार उन्हें अपने कार्यक्षेत्र वाले मौजूदा स्थान पर पंजीयन कराना अनिवार्य है। एसईसीएल समेत कई क्षेत्रों में इस प्रकार की गड़बड़ी है और यह जांच का विषय है।
मंगलवार को मध्याह्न दीपक यहां प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ दूसरे संगठन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। दीपक ने बताया कि कोरबा सहित कई जिलों में श्रम और उद्योग नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। अकेले एसईसीएल कंपनी में कुछ ही समय में 60हजार करोड़ के ठेके दिए गए और इनमें भी कोरबा, कुसमुंडा और दीपका क्षेत्र में लगभग 45 हजार करोड़ के ठेके उन लोगों की कंपनियों को प्राप्त हुए जो पहले कभी कोल सेक्टर में बड़े अधिकारी थे। इसके चलते भी व्याप्त गड़बडिय़ों पर कोई एक्शन नहीं हो सका। जायसवाल ने कहा कि कोरबा और जांजगीर-चांपा समेत कई क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदूषण की गंभीर समस्या है। जनता को इसका खामियाजा भुगतान पड़ रहा है। प्रबंधन और प्रशासन को इस बारे मेें जानकारी है लेकिन नतीजे शून्य हैं। हमने तय किया है कि जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर जल्द ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।