नई दिल्ली। संसद का शीत सत्र खत्म हो जाने के बाद भी कांग्रेस बाबा साहब आंबेडकर के अपमान के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह की घेरेबंदी नहीं छोड़ेगी। पार्टी गृह मंत्री के इस्तीफे और माफी की मांग संसद के बाद अब जनता के बीच ले जाएगी। इस मुद्दे को बजट सत्र तक जारी रखने के हिसाब से पार्टी आंदोलन की कई स्तरों पर रूपरेखा बनाने में जुट गई है।
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के सहयोगी दलों के बीच इस मुद्दे पर दिखी एकजुटता के मद्देनजर कांग्रेस यह मौका चूकना नहीं चाहती। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध एफआईआर के बाद गृह मंत्री के विरुद्ध सत्र के आखिरी दिन (शुक्रवार) कांग्रेस सांसदों के विजय चौक से संसद भवन तक विरोध मार्च में आइएनडीआइए सांसदों के शामिल होने को पार्टी नैतिक समर्थन मान रही है।
कर्नाटक के बेलगाम में अगले हफ्ते प्रस्तावित कांग्रेस कार्यसमिति में आंदोलन की व्यापक रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी, मगर उससे पूर्व पहली कड़ी में पार्टी के प्रमुख नेता देशभर में श्रृंखलाबद्ध प्रेस कान्फ्रेंस के जरिये हमला बोलेंगे।
रविवार को देश के प्रमुख शहरों और राज्यों की राजधानियों में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की प्रेस कांन्फ्रेंस कराने की तैयारी है। इनमें पार्टी आंबेडकर के अपमान को केंद्र में रखकर यह संदेश पहुंचाने का प्रयास करेगी कि वंचितों-दलितों की आवाज उठाने से राहुल को रोकने के लिए उनके विरुद्ध मुकदमों की झड़ी लगाकर उन्हें बदनाम करने में भाजपा तथा केंद्र सरकार का पूरा ईको-सिस्टम लगा हुआ है।