जांजगीर चांपा । प्रथम चरण के चुनाव प्रशिक्षण में शामिल होने सेवानिवृत्त और मृत कर्मचारियों को भी आदेश जारी कर दिया गया। इतना ही नाहीं प्रशिक्षण में अनुपस्थित होने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया। गया। चुनाव के कार्यों को गंभीरता से करने का निर्देश हर बैठक में उच्चाधिकारियों द्वारा दिए जाने के बाद कितनी गंभीरता दिखाई जा रही है यह समझा जा सकता है। लोकसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण का प्रशिक्षण एक से चार अप्रैल तक अलग- अलग स्थानों में हुआ। इस प्रशिक्षण में अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद उनकी परीक्षा ली गई मगर प्रशिक्षण के लिए कुछ ऐसे कर्मचारी व शिक्षकों को भी पत्र जारी कर उपस्थित होने को कहा गया जिनकी मृत्यु हो गई हैया जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बात यहीं तक नहीं रूको बल्कि मृत व सोवानिवृत्त कर्मचारी जब प्रशिक्षण में नहीं पहुंचे तो उनके नाम कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड 2 रहे राकेश कुमार राठौर की मृत्यु हो गई है और इसकी जानकारी संबंधित कार्यालय को दी जा चुकी है उनको प्रशिक्षण के लिए पत्र जारी किया गया। इस पत्र को लेने भी कोई नहीं पहुंचे और उन्हें तीन अप्रैल को प्रशिक्षण में अनुपस्थित होने पर जिला पंचायत सीईओ एवं नोडल अधिकारी प्रशिक्षण द्वारा नोटिस जारी किया गया है। मृतक को जारी नोटिस में कहा गया है कि तीन अप्रैल को आपको प्रशिक्षण के लिए उपस्थित होने को निर्देशित किया गया है मगर निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण में बिना किसी पूर्व सूचना के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि आपके द्वारा पदीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है साथ ही निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की गई है। आपका उक्त कृत्य छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत है इस संबंध में तीन दिवस के भीतर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें अन्यथा उचित कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह नवागढ़ ब्लाक के शासकीय हाईस्कूल खोखसा की व्याख्याता एलबी गायत्री शर्मा 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो चुकी है उनको भी प्रथम चरण के प्रशिक्षण में तीन अप्रैल को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। उपस्थित नहीं होने पर उन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। अधिकारी कर्मचारियों की हर बैठक में चुनाव के कार्य को गंभीरता पूर्वक करने का निर्देश देते हैं मगर गंभीरता कितनी बरती जाती है ये दो उदाहरण ही पर्याप्त हैं। इसके अलावा अन्य कई लोग हैं जो सेवानिवृत्त हो गए हैं उनको भी प्रशिक्षण के लिए पत्र भेजा गया और उपस्थित नहीं होने पर उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है।