जांजगीर-सक्ती। आदिवासी के जमीन की गैर कानूनी ढंग से रजिस्ट्री का मामला सक्ती जिले में सामने आया है। तत्कालीन उप पंजीयक को दोषी पाते हुए बिलासपुर संभाग के आयुक्त ने निलंबन की कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि सक्ती जिले के ग्राम बोरदा निवासी जानकी बाई गोंड़ पति गणेशराम ने ग्राम कंचनपुर स्थित अपनी जमीन को बेचने के लिए आवेदन दिया था। बाद में 25 जुलाई 2024 को इस मामले में विक्रय पत्र का निष्पादन तत्कालीन सक्ती उप पंजीयक प्रतीक खेमुका द्वारा कर दिया गया। गैर कानूनी तरीके से गैर आदिवासी श्रीमती मुस्कान बंसल पति आयुष बंसल के नाम रजिस्ट्री करा दी गई। मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंची। इसके बाद इस मामले की गहन जांच हुई। जांच में यह बात सामने आई कि तत्कालीन उप पंजीयक सक्ती प्रतीक खेमुका (वर्तमान में उप पंजीयक बिलासपुर) द्वारा सक्ती में अपनी पदस्थापना के दौरान ग्राम कंचनपुर तहसील सक्ती जिला सक्ती स्थित भूमि खसरा नम्बर 14/3 रकबा 0.12 एकड़ आदिवासी विक्रेता जानकी बाई पति गणेशराम, कुमारी जानकी बाई पति गणेशराम, कुमारी पदमनी पिता गणेशराम सोनू उर्फ हिमांशु गोड़ पिता गणेश राम सभी जाति गोद निवासी बोरदा पोस्ट जाजंग तहसील सक्ति जिला सक्ति से गैर आदिवासी क्रेता श्रीमती
मुस्कान बंसल पति आयुष बंसल निवासी झूल कदम टेमर रोड, बंसल भवन सक्ति जिला सक्ति के पक्ष में कलेक्टर के अनुमति के बिना 25 जुलाई 2024 को विक्रय पत्र का निष्पादन निष्पादन कर दिया गया है। बिलासपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे ने इसे गंभीरता से लिया और छग भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6) का स्पष्ट उलंघन पाते हुए प्रतीक खेमुका तत्कालीन उपपंजीयक सक्ति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दया। निलंबन अवधि में खेमुका का जिला पंजीयक कार्यालय नियत किया गया है।