नई दिल्ली/पटना। भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सोमवार को आरक्षण का पालन किए बिना सरकारी पदों पर नियुक्तियों के किसी भी कदम की आलोचना की। चिराग ने कहा कि वह केंद्र के साथ लेटरल एंट्री का मुद्दा उठाएंगे। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष ने कहा, “किसी भी सरकारी नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान होना ही चाहिए। इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं है। निजी क्षेत्र में कोई आरक्षण नहीं है और अगर सरकारी पदों पर भी इसे लागू नहीं किया जाता है… तो यह मेरे लिए चिंता का विषय है।” पासवान ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सरकार के सदस्य के रूप में उनके पास इस मुद्दे को उठाने के लिए मंच है और वह इस मुद्दे को जरूर उठाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जहां तक उनकी पार्टी का सवाल है, वह इस तरह के कदम के बिल्कुल भी समर्थन में नहीं है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले शनिवार को अनुबंध के आधार पर लेटरल एंट्री मोड के माध्यम से भरे जाने वाले 45 पदों (संयुक्त सचिवों के 10 और निदेशकों/उप सचिवों के 35) का विज्ञापन दिया था।