
शिमला, १७ अक्टूबर । हिमाचल को हरित राज्य बनाने की परिकल्पना को मूर्त रूप देने की तरफ एक कदम और बढ़ाते हुए सुखविंदर सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार ई-टैक्सी योजना धरातल पर उतार दी है। सरकार ने योजना की मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर इसे अधिसूचित कर दिया है। राजीव गांधी स्वरोजगार ई-टैक्सी योजना के तहत 20 साल से अधिक व 45 साल तक के मूल हिमाचली युवा आवेदन कर सकेंगे। योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने अधिकतम आयु सीमा में महिलाओं को 5 साल की छूट प्रदान की है।योजना के तहत युवाओं को परिवहन निगम के पास आवेदन करना होगा। परिवहन विभाग के पास मूल हिमाचली, 12 वीं पास का प्रमाण पत्र तथा 7 साल के ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य दस्तावेजों के साथ युवाओं को आवेदन करना है। परिवहन विभाग आवेदकों की छंटनी करने के बाद पात्र युवाओं के दस्तावेजों को उद्योग विभाग को भेजेगा। उद्योग विभाग के माध्यम से दस्तावेज बैंकों को जाएंगे। जिस भी बैंक से युवा ई-टैक्सी के लिए आवेदन करेगा उसके खाते में 50 फीसद उपदान की रकम जाएगी। राजीव गांधी ई-टैक्सी स्वरोजगार योजना की खासियत यह है कि इसके तहत उपदान पर वाहन लेने वाले युवाओं के वाहन सरकारी अदारों में चलेंगे। इसके लिए विभाग आन लाइन आवेदन मांगेंगे। विभागों की मांग पर उनके साथ युवाओं के वाहन अटैच होंगे। विभागों में चालकों के सरप्लस होने की स्थिति में उन्हें दूसरे विभागों में भेजा जाएगा। विभाग युवाओं से कम से कम चार साल के ई- टैक्सी मासिक किराए पर हायर करेंगे।हर महीने वाहन 2500 किमी चलेगा। साल में 30 हजार किमी से अधिक चलने की स्थिति में वाहन मालिक को डेढ़ रुपया प्रति किमी की दर से तय भाड़े से अधिक भाड़ा मिलेगा। वाहन प्रदेश की सभी सड़कों पर दौड़ेंगे। ई- टैक्सी की चार्जिंग व अकस्मात कोई हादसा होने की स्थिति में इसका खर्च वाहन के मालिक को वहन करना होगा। वाहन के स्वामी को विभाग की मांग पर ई-टैक्सी मुहैया करवानी होगी। तय अवधि में ई-टैक्सी उपलब्ध न करवाए जाने की स्थिति में वाहन मालिक को विभाग दंडित भी कर सकता है। साथ ही चालक का विकल्प भी उसे स्वयं ही देना होगा।


















