नईदिल्ली, १२ अगस्त ।
उत्तर भारत में तेज वर्षा और भूस्खलन के कारण दुश्वारियों का दौर जारी है। रविवार को तेज वर्षा के कारण अलग-अलग राज्यों में हुए हादसों के चलते 21 लोगों की मौत हो गई है। राजस्थान में सबसे ज्यादा 14 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से सात की मौत बाणगंगा नदी में नहाने के दौरान डूबने से हुई। बिहार में वर्षा के कारण हुए हादसों में पांच लोगों की मौत हुई है। पहाड़ों में जहां भूस्खलन के चलते सडक़ें बंद हैं, वहीं मैदानी क्षेत्रों में जलभराव और उफनाती नदियों के चलते दिक्कत बनी हुई है। जम्मू में प्रशासन ने मौसम को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन भी ऐसा ही मौसम बना रह सकता है। पहाड़ी राज्यों में इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।राजस्थान में शनिवार से हो रही तेज वर्षा के कारण प्रदेश के कई जिलों में हालात बिगडऩे लगे हैं। वहीं, वर्षा के चलते हुए हादसों में रविवार को 14 लोगों की मौत हो गई, जिनमें भरतपुर में बाणगंगा नदी में नहाने के दौरान डूबे सात युवक भी शामिल हैं। इनमें से तीन चचेरे भाई थे। बारिश से कई मार्ग अवरूद्ध हो गए। वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिला कलेक्टरों को राहत व बचाव कार्यों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है। बाढ़ के हालात को देखते हुए स्कूलों में सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया गया। सवाई माधोपुर जिले में कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर है। 20 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।हिमाचल के शिमला में बादल फटने से सेब के 800 पौधे बह गए जबकि गोदाम में रखीं सेब की 200 पेटियां भी पानी अपने साथ बहाकर ले गया।
इसके अलावा कांगड़ा जिले में रानीताल के पास निर्माणाधीन मटौर-शिमला फोरलेन का लगभग 100 मीटर हिस्सा धंस गया। फोरलेन का मलबा नीचे पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेललाइन पर गिरने से रेल लाइन को भी नुकसान पहुंचा है। मंडी के नौ मील में कीरतपुर-मनाली फोरलेन व सिरमौर में पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण बंद रहे। प्रदेश में 137 सडक़ें बाधित हैं। बाथू में दो बच्चे बह गए, जिसमें एक बच्ची के शव को बरामद किया गया जबकि दूसरे की तलाश जारी है।उत्तराखंड में केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली के पास मार्ग के दूसरी तरफ भारी भूस्खलन होने से मंदाकिनी नदी पर झील बन गई है। इससे नदी का प्रवाह रुक गया है। झील के टूटने पर बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए गौरीकुंड से लेकर रुद्रप्रयाग तक लोगों को सचेत कर दिया है। चमोली में शनिवार रात बादल फटने से दो आवासीय भवन और एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई। टिहरी में अंथवाल गांव के ऊपर करीब 40 मीटर लंबी दरार पड़ गई है। इसे देखते हुए आठ परिवार घर छोडक़र सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
प्रदेश में 209 संपर्क मार्ग बाधित हैं, जिससे दर्जनों गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। चारधाम यात्रा मार्ग भी निरंतर अवरुद्ध हो रहे हैं।रविवार सुबह करीब 11 बजे बदरीनाथ हाईवे पर छिनका भूस्खलन क्षेत्र में चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर सडक़ पर आ गया। प्रदेश में अधिकांश नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं।पटना में राजद विधायक और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव के आवास में भी जलजमाव हुआ है। इसके बाद उन्होंने सरकार पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने अपने आवास में जलजमाव का एक वीडियो अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है। उन्होंने सरकार और प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि कुछ ही घंटों की वर्षा में स्थिति दयनीय बन गई है। विधायक आवास का यह हाल है तो सोचिए आम जनता का क्या होल होगा।बिहार में शनिवार को हुई जोरदार वर्षा के बाद कई इलाकों में जलजमाव हो गया। इसके अलावा पांच लोगों की मौत भी हुई है। प्रदेश की कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।हिमाचल के सिरमौर में बादल फटने और पहाड़ों से आए वर्षा के पानी के कारण हरियाणा के कई गांवों में पानी घुस गया। खेत भी डूब गए। वहीं, एक किसान की भी मौत हो गई है। पुलिस ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है। प्रशासन की मदद नहीं मिलने से लोग नाराज हैं।सोम नदी का तटबंध टूटने से आसपास के गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
वहीं, पंजाब में भी कुछ ही घंटे में नौ जिले वर्षा के जल से लबालब हो गए। भारी वर्षा के कारण से पठानकोट में उज्ज दरिया एक बार फिर उफान पर आ गया है। पुलिस ने दरिया किनारे रहने वाले परिवारों को पीछे हटने का आदेश दिया है।