कोरबा। प्रदेश में बिजली की मांग को बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी की प्रदेश में स्थित सभी इकाईयां चल रही हैं। इन इकाईयों से लगभग 1800 से 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है जबकि घरेलू मांग की पूर्ति को बनाए रखने के लिए शेष बिजली सेंट्रल पोल से ली जा रही है। ठंड बढऩे के कारण बिजली की डिमांड भी घट गई है।
बिजली वितरण कंपनी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बिजली की मांग में कमी और वृद्धि मौसम पर काफी निर्भर करती है। नवंबर के महीने में जब प्रदेश के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है तब बिजली की मांग में कमी देखी जा रही है। इसके पीछे बड़ा कारण एसी, कूलर का इस्तेमाल कम होना है। तापमान गिरने से सामान्यत: लोग एसी का इस्तेमाल कम कर रहे हैं। कूलर चलाने की अवधि में भी कमी आई है। इस दिवाली में बिजली की खपत 1200 मेगावाट कम हो गई। दिवाली के दिन औद्योगिक कल-कारखानों के बंद होने और सरकारी दफ्तरों में अवकाश होने के कारण बिजली कम जली। वेस्टर्न ग्रिड लोड डिस्पैच सेंटर के मुताबिक दिवाली के दिन प्रदेश में बिजली की अधिकतम खपत 3859 मेगावाट दर्ज की गई, जो सामान्य दिनों की तुलना में 1000 से 1200 मेगावाट कम है। दिवाली से पहले प्रदेश में बिजली की खपत 4800 से 5000 मेगावट के बीच हो रही थी। रूप चौदस के दिन भी प्रदेश में बिजली की खपत लगभग 4800 मेगावाट हुई थी। इसके अगले दिन दिवाली थी। इस दिन कल-कारखाने बंद थे। इससे बिजली की खपत कम हो गई थी। हालांकि लोगों ने दीपोत्सव के दिन अपने घरों को सजाने के लिए लाइटों का बखूबी इस्तेमाल किया लेकिन इसमें बिजली की खपत बेहद कम होती है। शनिवार को इस मांग में थोड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई और शनिवार की शाम 7 बजे खपत 4000 मेगावाट को पार कर गई। शनिवार को मौसम विभाग ने रायपुर का अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले शहर का अधिकतम तापमान 35.5 और न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री दर्ज किया गया था।