लखनपुर में विरोध कर रहे लोगों ने बताया किस तरह से हो रही परेशानी
कोरबा। कई कारणों से बदहाल हुई सडक़ पर चलने में हो रही मुश्किलों से नाराज लोगों को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो आखिरकार उन्हें चक्काजाम के लिए मजबूर होना पड़ा। एनएच-130 पर जेंजरा-ढेलवाडीह बायपास में लखनपुर में लोगों ने आज चक्काजाम किया। इससे आवाजाही में परेशानियां आई। खबर होने पर पुलिस यहां पहुंची। लोगों को समझाने की कोशिश जारी है।
जिले के कटघोरा सब डिवीजन के अंतर्गत लखनपुर के ग्रामीणों ने अपनी समस्या को हल कराने के लिए आखिरकार यह तरीका निकाला। काफी संख्या में यहां के स्त्री-पुरुष और युवक बायपास पर बैठे। वे अपने साथ बैनर पोस्टर भी रखे थे जिसमें कहा गया कि यहां की मुख्य सडक़ पर गड्ढे हैं। अरसे से इस प्रकार के हालात हैं। इस स्थिति में आवाजाही करने को लेकर दुष्वारियां पेश आ रही है। कई बार घटनाएं हो चुकी है। रात्रिकालीन आवाजाही को लेकर सोचना पड़ता है। लोगों का आरोप है कि उन्होंने यहां की बदहाली को लेकर सरकार के मंत्रियों के साथ-साथ उच्चाधिकारियों और प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई। सबने अलग-अलग प्रकार की बातें की। पिछले दिनों इस मसले पर स्थानीय एसडीएम की ओर से आश्वासन मिला था कि रोड से जुड़ी हुई समस्या को दूर किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग को सडक़ पर गड्ढों की मौजूदगी को दूर करने के लिए कहा गया था। आश्वस्त किया गया था कि समयसीमा में यह काम हो जाएगा। ग्रामीण इस बात से खफा हैं कि प्रशासनिक अधिकारी की बात का कोई असर नहीं हुआ और लोक निर्माण विभाग ने कोई काम नहीं किया। समय पार होने से आक्रोशित लोगों ने सोमवार को बायपास पर चक्काजाम करने के साथ नारेबाजी की। इस दौरान बायपास के दोनों तरफ आवाजाही थम गई और काफी संख्या में वाहन रूक गए। कटघोरा टीआई धर्म नारायण तिवारी ने बताया कि सडक़ से जुड़ी हुई समस्या को लेकर लोगों ने सांकेतिक चक्काजाम किया है जिससे मुश्किलें हुई हैं। समाधान खोजने की कोशिश करने के साथ लोगों को समझाने का जतन किया जा रहा है।
वादाखिलाफी ने भडक़ाया गांव वालों को
लखनपुर के लोग इस बात को लेकर भी भडक़े हुए हैं कि आखिर इस इलाके के साथ अफसर वादाखिलाफी क्यों कर रहे हैं। लोगों के पास अनेक मसले हैं जिसे लेकर उनका अनुभव अच्छा नहीं है। उनका कहना है कि एक तरफ ग्रामीण हितों के संरक्षण को लेकर सरकार बात करती है लेकिन सिस्टम में बैठे लोग कुछ अलग चाल चलते हैं। इस चक्कर में हमारी समस्याएं बढ़ती है। ग्रामीणों ने कहा कि जब उपर के लोग प्राथमिकताएं तय करते हैं तो उन्हें इस बात की चिंता करनी चाहिए कि जमीन पर क्रियान्वयन को लेकर किस स्तर पर काम किया जा रहा है।