जांजगीर- चांपा । जिले के कई सराफा दुकानों में बड़े पैमाने पर दो नंबर का सोना खपाया जा रहा है। इसका वैध दस्तावेज सराफा व्यवसायियों के पास नहीं है। सामान्य दिनों में बिना ई-वे बिल के सोने-चांदी को दूसरे प्रदेशों व बड़े शहरों से बेखौफ लाया जाता था मगर विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर पुलिस की सख्ती से अवैध कारोबार पर अंकुश लगा है मगर चुनाव के बाद फिर से इस तरह के कारोबार होने लगेंगे। बिना जीएसटी बिल के सोना खरीदने वालों की तादात भी अधिक है इसलिए इस तरह का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। पहले सोने-चांदी का कारोबार विश्वास की कसौटी पर होता था मगर जीएसटी बिल की अनिवार्यता अब कानूनी पचड़े से बचने के लिए जरूरी हो गया हैमगर सस्ते में सोना-चांदी बेचनेकी होड़ में जिले के कई सराफा व्यवसायी सोना-चांदी खरीदने पर जीएसटी बिल नहीं देते। कई ग्राहक भी जीएसटी बिल नहीं लेना चाहते इसके पीछे वजह यह है कि काली कमाई का स्रोत उन्हें बताना पड़े गा इसलिए वे सराफा व्यवसायियों के पास से बिना जीएसटी बिल के सोना चांदी की खरीद्दारी करते हैं। कई व्यवसायी भी इस तरह का माल बेखौफ खपाते हैं इसलिए उन्हें बिना जीएसटी बिल के सोने-चांदी की बिक्री करने से परहेज नहीं होता। बिना जीएसटी बिल के कई बार ग्राहक धोखा भी खाते हैं। उन्हें पता नहीं होता कि उनके द्वारा खरीदा गया सोना कितना खरा है। सोने-चांदी की शुद्धता की गारंटी नहीं रहती ऐसे में उन्हें पछताना भी पड़ता है। कई बार तो जहां से सोना खरीदी की जाती है उसी व्यवसायी के द्वारा सोना वापस लेने से इंकार कर दिया जाता है। जानकारों के अनुसार सोना भारत में दुबईसे नेपाल होते हुए मुंबई व महानगरों तक बिस्किट की शक्ल में पहुंचता है। इसका कोई बिल भी नहीं होता इसलिए यह सराफा व्यवसायियों को प्रति तोला 8 से 10 हजार रूपए कम कीमत में मिल जाता है। ग्राहकों को प्रति तोला एक-दो हजार छूट देकर वे बिना बिल के सोना खरीदने को तैयार भी कर लेते हैं। इस तरह सोने का अवैध कारोबार जमकर फल फूल रहा है। इसी तरह चांदी तमिलनाडुके सेलम शहर से राड के रूप में बड़ी मात्रा में प्रदेश में आता है। जांजगीर-चांपा व सक्ती जिले में भी इस तरह का सोना-चांदी खपाया जाता है। 12 सितंबर को चांपा के दो सराफा व्यवसायियों से लगभग पौने दो करोड़ रूपए का सोना-चांदी जब्त किया गया था। हालांकि अभी इन व्यवसायियों से पूछताछ की जा रही है। जीएसटी विभाग को इसकी सूचना पुलिस ने दी है। जीएसटी विभाग द्वारा भी इस तरह के अवैध कारोबार पर नजर नहीं रखा जाता जिसके चलते यह कारोबार फल फूल रहा है। परिवार सहित करते हैं यात्रा अवैध रूप से सोना-चांदी लाने ले जाने वाले कार में परिवार सहित यात्रा करते हैं ताकि पुलिस को शक न हो कि इनके द्वारा सोने-चांदी का अवैध कारोबार किया जा रहा है। पुलिस भी कई बार परिवार की महिला व बच्चों को देखकर यह समझ जाती है कि पारिवारिक यात्रा है ऐसे में उनकी अधिक तालाशी भी नहीं ली जाती इस तरह वे चकमा देकर बच जाते हैं। सोना कच्चा इसलिए नहीं देते बिल कई सराफा व्यापारी जो कच्चा सोना का कारोबार करते हैं वे सादे कागज पर ही बिल देते हैं और बाजार भाव से कम कीमत पर जेवर खपाते हैं। ऐसे में ग्राहकों को पक्का बिल मांगना चाहिए इससे बिल में दुकान का नाम जेवर का वजन, गुणवत्ता, बनाई घिसाई आदि का शुल्क स्पष्ट लिखा होता है। व्यवसायी का जीएसटी नंबर भी बिल में दर्ज होता है जबकि कच्चा बिल वह बिल होता है जो व्यापारी ग्राहक को वह चीज खरीदने पर देता है जिसका हिसाब उसके बही-खातों में दर्ज नहीं होता। इस प्रकार वह आयकर देने और ग्राहक भी जीएसटी देने से बच जाता है। कच्चे बिल में काले धन लेन देन की गुंजाईश अधिक होती है। पक्का बिल सोने-चांदी की खरीददारी का एक अधिकृत रिकार्ड होता है। यह शुद्धता का भरोसा दिलाने केअलावा किसी टेक्स संबंधी पूछताछ में भी ग्राहकोंका मदद करता है। अगर कोई ग्राहक सोने-चांदी की खरीदी के बाद जीएसटी बिल न लें तो कई बार वे मुसीबत में पड़ सकते हैं। बरामदगी और तलाशी के दौरान मिलने वाली अघोषित संपत्ति पर जुर्माना सरकार ने लगा दिया है। इसका अर्थ है कि जहां विरासत में मिले उन जेवरों के लिए कोई सीमा-रेखा नहीं है जिनका हिसाब उनके पास है, वहीँ बिना हिसाब वाले जेवरों की सीमा पार होने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। अपने सोने पर अपना कानूनी स्वामित्व साबित करने का पक्की बिल एक अच्छा माध्यम है। प्रमाण न दे पाने की स्थिति में ग्राहकों पर सीमा से अधिक सोना रखने के लिए 60 प्रतिशत तक जुर्माना और साथ ही 25 प्रतिशत का अधिभार लगाया जा सकता है। नियमानुसार 50 हजार या इससे अधिक का सामान किसी एक शहर से दूसरे शहर या अनियंत्र लाया ले जाता है तो ई-वे बिल जरूरी हैमगर बिना ई-वे बिल के जिले में सोने-चांदी की तस्करी बढ़ी है। ई-वे बिल वह बिल हैजिसमें 50 हजार रूपए व अधिक मूल्य के किसी सामान को ले जाने वालेवाहन के प्रभारी व्यक्ति के पास इस बिल का होना जरूरी हैमगर सोना-चांदी की अवैध तस्करी होती है इसलिए ई-वे बिल का उपयोग तस्कर नहीं करते। अवैध रूप से सोना-चांदी के अलावा किसी भी सामान की तस्करी पर पुलिस की नजर है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। सोने-चांदी के अवैध कारोबार पर भी नजर रखी जा रही है। सड़क व रेलमार्ग से आवाजाही करने वालों की लगातार जांच हो रही है। विजय अग्रवाल एसपी, जांजगीर-चांपा