अवीव, २2 नवंबर। इस्राइल हमास के आतंकी ठिकानों पर लगातार हमले कर रहा है। इसी बीच IDF की तरफ से जारी वीडियो में दावा किया गया है कि हमास के रॉकेट लैब के तौर पर मस्जिद का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस्राइल की सेना इससे पहले अस्पतालों के भीतर सुरंग और आतंकी ठिकानों के दावे भी कर चुकी है। इस्राइल और हमास चार दिनों के युद्धविराम समझौते पर सहमत हुए हैं। इस दौरान हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा। हालांकि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ किया है कि युद्धविराम का मतलब हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बंद किया जाना नहीं है। पिछले 47 दिनों से जारी टकराव के बीच आईडीएफ ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वीडियो जारी किया है। मस्जिद की वीडियो के साथ लिखे बयान में सेना ने कहा है कि मस्जिद जैसी पवित्र जगहों का इस्तेमाल आतंकी ठिकाने के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। हमास इस मस्जिद का इस्तेमाल हथियारों को छिपाने के लिए करता है। इस्राइली सेना ने इसे हमास की रॉकेट लेबोरेट्री भी करार दिया। वीडियो रिलीज करते हुए आईडीएफ ने कहा कि कभी आस्था और उपासना का केंद्र रही मस्जिद अब आतंकी ठिकाना बन चुकी है। आईडीएफ ने कहा कि मस्जिद के अंदर दर्जनों मोर्टार, वारहेड मिसाइलें, थर्मोबेरिक हथियार , कंधे पर रखकर मिसाइल दागने की प्रणाली- रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड यानी आरपीजी और सुरंग में जाने का एक रास्ता / शाफ्ट का पता लगाना। थर्मोबेरिक हथियार विमान से दागे जा सकते हैं। इसे जमीनी लॉन्च पैड से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। विस्फोटक ईंधन के रूप में इसमें प्राकृतिक हवा का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।