
बेंगलुरू, २७ जून ।
कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठ रही है। कर्नाटक के कुछ मंत्री वीराशैवा-लिंगायत, अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की पैरवी कर रहे हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा है कि इस मामले में कांग्रेस हाईकमान का फैसला अंतिम होगा।फिलहाल कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री के पद पर वोक्कालिगा समुदाय के डीके शिवकुमार हैं। सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना, आवास मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान, लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली समेत कई अन्य नेताओं ने इस हफ्ते राज्य में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का मामला उठाया था। ये सभी नेता सिद्दरमैया के करीबी माने जाते हैं।राज्य में कांग्रेस के एक धड़े का मानना है कि मंत्रियों का तीन नए उप मुख्यमंत्री की मांग करना सिद्दरमैया गुट की योजना का हिस्सा है, ताकि मौजूदा उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को काबू में रखा जा सके और सरकार और पार्टी में उनके प्रभाव को कम किया जा सके।
दरअसल पिछले साल मई में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के समय से ऐसी चर्चाएं हैं कि सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं। मई में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार दोनों ने दावेदारी पेश की थी। कांग्रेस ने सिद्दरमैया को मुख्यमंत्री पद देते हुए तय किया था कि डीके शिवकुमार राज्य के इकलौते उपमुख्यमंत्री रहेंगे। यह मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोडऩे और उपमुख्यमंत्री बनने के लिए डीके शिवकुमार के प्रति कांग्रेस नेतृत्व की प्रतिबद्धता थी। मंत्रियों की मांग पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए शिवकुमार ने कहा कि पार्टी उचित जवाब देगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में अधिक उपमुख्यमंत्री बनाने की कोई योजना है।
उन्होंने कहा, आप मल्लिकार्जुन खरगे और हमारे प्रभारी महासचिव या मुख्यमंत्री से पूछें।