
अंबिकापुर। शहर की शांति,सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह से विफल पुलिस को अचानक कबाड़ गोदामों की याद आ गई है। वर्षों से अंबिकापुर शहर में कबाड़ का व्यवसाय संचालित हो रहा है। कई महीने पहले भी पुलिस ने कबाड़ गोदामों में छापा मार सीलबन्दी की कार्रवाई की थी। कार्रवाई क्या हुई यह तो सार्वजनिक नहीं किया गया। सारे कबाड़ गोदाम फिर से खुल गए। इधर सरकार बदलते ही अपनी सक्रियता दिखाने के लिए पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को कुछ नहीं सूझा तो सीधे कबाड़ गोदामों में पहुंच गए। कबाड़ का व्यवसाय संदिग्ध रहता ही है। पुराने सामानों का बिल, बाउचर तो मिलता नहीं है इसलिए पुलिस इसे साफ्ट टारगेट मानकर पहुंच ही जाती है। छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही पुलिस भी खुद में भी बदलाव दिखाना चाहती है। चोर-उचक्कों, असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई के साथ खुलेआम शहर की शांति,सुरक्षा को चुनौती देने वालों पर कार्रवाई कर शहर में जिस पुलिसिंग की जरूरत है उसे छोड़कर फिर से कबाड़ गोदाम की ओर रुख करना ही पुलिस की भूमिका पर बड़ा सवाल है। बुधवार को संयुक्त पुलिस टीम द्वारा मिशन चौक, बिलासपुर चौक, खरसिया चौक एवं दरिमा मोड़ स्थित कबाड़ गोदामों की सघन जांच कर कबाड़ गोदामों मे रखे सामानों की मिलान की गई। जांच में संदेहास्पद पाए गए सामानों के सम्बन्ध मे दरिमा मोड़ स्थित कबाड़ गोदाम संचालक से पूछताछ किया गया।संचालक द्वारा उक्त संदेहास्पद सामान,कबाड़ के सम्बन्ध मे आवश्यक वैधानिक दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया। कबाड़ के अवैध,चोरी होने की आशंका पर उक्त सामान के संबंध में वैधानिक दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु संचालक को नोटिस देकर कबाड़ गोदाम को सील करने की कार्रवाई की गई हैं।