नईदिल्ली, 01 अगस्त [एजेंसी]।
मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने 2020 में राज्यसभा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव को चुनौती वाली अपनी याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली। उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। गोविंद सिंह ने सिंधिया पर भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मध्य प्रदेश से अपना नामांकन पत्र दाखिल करते समय अपने खिलाफ एक प्राथमिकी के बारे में जानकारी छिपाने को लेकर हाई कोर्ट में उनके चुनाव को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने 17 मार्च के अपने आदेश पर पुनर्विचार करने से 13 जुलाई को इन्कार करते हुए सिंह द्वारा दायर चुनाव याचिका में मुद्दे तय किए थे।सिंधिया ने हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है और भारतीय दंड संहिता की धारा- 465 (फर्जीवाड़ा), 468 (धोखाधड़ी) तथा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी लंबित आपराधिक मामले के दायरे में नहीं आती।सिंह की चुनाव याचिका के बाद हाई कोर्ट ने केवल प्रारंभिक मुद्दा तय किया था कि क्या केवल प्राथमिकी दर्ज होना आपराधिक मामला है, जिसका पर्दाफाश जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी उम्मीदवार के नामांकन पत्र में किया जाना चाहिए।सिंह ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कर कहा था कि उनके द्वारा विभिन्न मुद्दों का सुझाव दिया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए केवल प्रारंभिक मुद्दा तय किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सात जुलाई को सिंह की अपील खारिज कर दी थी।कहा था कि चुनाव याचिका में हाई कोर्ट के संबंधित आदेश के आधार पर विचार करने के बाद हमें इसमें हस्तक्षेप करने की कोई गुंजाइश नहीं दिखती। इसके बाद सिंह ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था।न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने सोमवार को सिंह के वकील अनूप जार्ज चौधरी को हाई कोर्ट के 13 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दे दी। सिंह ने विभिन्न निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि एक पुनर्विचार याचिका हाई कोर्ट के समक्ष विचारणीय है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को सरसरी तौर पर खारिज कर दिया था।