
बिश्रामपुर। अधिग्रहित भूमि का आधिपत्य मिल पाने में आ रही अड़चनों का कारण पांच साल से भी अधिक समय से बन्द एसईसीएल की अमेरा ओपनकास्ट परियोजना में कोयला उत्पादन प्रारंभ होने की स्थिति बनते ही भारी मात्रा में कोयला चोरी शुरू हो गई है। जान जोखिम में डालकर दो तीन सौ की संख्या में ग्रामीणों द्वारा ओबी (ओवर बर्डन) पहाड़ी से नीचे उतरकर नवनिर्मित कोल फेस से कोयला चोरी किये जाने से जानलेवा हादसे की संभावना से चिंतित प्रबंधन से सरगुजा एसपी से मुलाकात कर कोयला चोरी पर रोक लगाने की मांग की है।
एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र की अमेरा ओपनकास्ट परियोजना सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के अंतर्गत संचालित है। इस खदान से साल 2010 में कोयला उत्पादन शुरू किया गया था। इसके लिए साल 2001 में सीबी एक्ट के तहत ग्राम अमेरा, परसोढ़ी कला, कटकोना व पुहपटरा की 664.189 हेक्टेयर शासकीय, निजी व वनभूमि का अधिग्रहण किया गया था। प्रथम चरण में प्रबंधन ने अमेरा गांव की 198.295 हेक्टेयर भूमि का अधिपत्य लेकर साल 2010 में कोयला उत्पादन शुरू किया था। उसके बाद परसोढी कला के भूस्वामियों से अधिग्रहित भूमि का आधिपत्य नही मिल पाने की वजह से साल 2018 से उक्त खदान से कोयला उत्पादन पूरी तरह बन्द है।अमेरा खदान से पुन: कोयला उत्पादन प्रारंभ करने की कोशिशों के बीच प्रबन्धन ने खदान से ओबी उत्पादन व कोयला उत्पादन करने अहमदाबाद गुजरात की मेसर्स सीसी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से सात साल के लिए 795 करोड़ में अनुबंध किया। उसके बाद विगत 27 सितंबर को ठेका कंपनी ने 16 हेक्टेयर भूमि से सात लाख टन कोयला उत्पादन करने ओबी उत्पादन करने का काम शुरू किया था। जहां से आगामी एक जनवरी से कोयला उत्पादन शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। जहां से पांच लाख टन जी छह और दो लाख टन जी नौ ग्रेड कोयले का उत्पादन किया जाना है। कोयला उत्पादन के लिए ओबी उत्पादन के बाद कोल फेस तैयार होते ही खदान के आसपास ग्रामों के ग्रामीण महिला, पुरुष व नाबालिग जान जोखिम में डालकर ओबी पहाड़ी से नीचे उतरकर जबरन भारी मात्रा में कोयला चोरी कर ले जा रहे है। चोरी का विरोध करने पर ग्रामीण सुरक्षा कर्मियों व कामगारों से मारपीट करने पर उतारू हो जाते है। प्रतिबंधित क्षेत्र में जबरन घुसकर कोयला चोरी की वजह से जानलेवा हादसा घटना घटित होने की आशंका से चिंतित प्रबन्धन से संबंधित सूचना लखनपुर थाना में देकर कार्रवाई की मांग भी की गई, लेकिन कार्रवाई के अभाव में खदान से कोयला चोरी बदस्तूर जारी है। कोयला उत्पादन शुरू होने से पूर्व ही खदान में कोयला चोरो के आतंक और जानलेवा हादसे की आशंका से आशंकित क्षेत्र के महाप्रबन्धक अजय तिवारी ने सरगुजा एसपी से मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इससे कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। उन्होंने कोयला चोरो पर कारगर कार्यवाही की मांग भी की है। बावजूद उसके खदान से कोयला चोरी नही थमने से कोयला चोरो को पुलिसिया संरक्षण का आरोप लगना लाजिमी है। राज्य में सत्ता बदलते ही नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अवैध कारोबार व अपराधों पर सख्ती से लगाम लगाने के दिये गए निर्देश के बाद भी अमेरा इलाके में कोयला के अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग सका है। अमेरा खदान के आसपास कोयला माफियाओं के इशारे पर अघोषित कोयला खदान संचालित कर ग्रामीण कोयले का अवैध उत्खनन कर रहे है। ट्रकों से कोयला तस्करी बदस्तूर जारी है। जिससे शासन को भी राजस्व की भारी क्षति हो रही है। कोयला तस्करों ने दबंगई पूर्वक राजस्व एवं वन भूमि में अवैध कोयला खदानें तैयार कर ली है। नदी-नालों के किनारे ऐसी खदानें संचालित है। शिकायतों पर औपचारिक कार्रवाई से कोयला तस्करों के हौसले बुलंद है। कोयला के अवैध कारोबारियों को कथित पुलिसिया व राजनैतिक संरक्षण के आरोप भी लगते रहे हैं। कोयला चोरों के आतंक से कोयला कर्मचारी दहशत में है। जान जोखिम में डालकर खदान से कोयला चोरी किये जाने से जानलेवा खान दुर्घटना घटित होने की संभावना बनी हुई है। जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है। खदान से कोयला चोरी पर रोक लगाने पुलिस प्रशासन को कारगर कार्रवाई की जानी चाहिए। यह सच है कि समूह बनाकर ग्रामीण महिला पुरुष अमेरा खदान में जबरन घुसकर भारी मात्रा में कोयला चोरी कर रहे है। विरोध करने पर वे मारपीट पर उतारू हो जाते है। ओबी पहाड़ी से उतरकर कोयला चोरी करना कभी भी भयंकर हादसे का कारण बन सकता है। हमने इस संबन्ध में सरगुजा एसपी को भी अवगत करा कोयला चोरी पर अंकुश लगाने कारगर कार्रवाई करने की गुजारिश की है।