
नईदिल्ली, 0२ दिसम्बर ।
कोलकाता कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत शहर में मौजूद हर प्रतिष्ठान और दुकान को अन्य भाषाओं के साथ साइन बोर्ड पर बंगाली भाषा का भी इस्तेमाल करना जरूरी होगा। नगर निगम ने 21 फरवरी 2025 तक की डेडलाइन भी तय कर दी है और इस तारीख से पहले हर दुकान और प्रतिष्ठान पर बंगाली भाषा में साइनबोर्ड लगाना जरूरी होगा। नगर सचिव स्वप्न कुंडू ने बताया कि नगर निगम, दुकानों, रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों के संपर्क में है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दुकानों के नाम और अन्य जानकारी किसी अन्य भाषा के अलावा बंगाली में भी लिखी जाए। अक्टूबर में तृणमूल कांग्रेस पार्षद बिस्वरूप डे ने कोलकाता नगर निगम के सत्र में कहा था कि सार्वजनिक और निजी कार्यालयों में सभी साइनबोर्ड में अन्य भाषाओं के अलावा बंगाली भाषा का भी इस्तेमाल सुनिश्चित होना चाहिए और साथ ही नगर निगम की सभी अधिसूचनाएं, पत्र और दस्तावेज भी बंगाली भाषा में प्रकाशित होने चाहिए। कोलकाता नगर निगम का यह प्रस्ताव ऐसे समय सामने आया है, जब बीते दिनों केंद्र सरकार ने असमिया, मराठी, पाली और प्राकृत के साथ बंगाली को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का फैसला किया था। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने भी पूर्व में निजी विज्ञापन एजेंसियों और दुकानदारों से अपने-अपने साइनबोर्ड्स में बंगाली भाषा का इस्तेमाल करने का आग्रह किया था।
हकीम ने कहा था, मैं बैनर, साइनबोर्ड और संचार के ऐसे साधनों में हिंदी, अंग्रेजी या अन्य भाषाओं के इस्तेमाल के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन, अन्य भाषाओं के साथ बंगाली भाषा का भी इस्तेमाल होना चाहिए।