कोरबा। नगरी निकाय चावन के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ कोरबा जिले के कटघोरा को लेकर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या छत्तीसगढ़ में सत्ता हासिल होने पर कटघोरा नगर पालिका में इसी पार्टी का अध्यक्ष बन सकेगा? पिछले चुनाव में संख्या में पार्षद आने पर भी भाजपा का अध्यक्ष नहीं बन सका था। जबकि बाद में एक अवसर पर अविश्वास प्रस्ताव आने पर भी कांग्रेस के रतन मित्तल अपनी कुर्सी बचाने में सफल हो गए। कटघोरा नगर पालिका परिषद में इस बार अध्यक्ष पद को ओबीसी मुक्त रखा गया है यानी जिसकी इच्छा हो मैदान में आ जाए। आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब अध्यक्ष के चेहरों पर नए सिरे से चर्चाएं होने लगी हैं। कटघोरा नगर पालिका परिषद में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए युवाओं की दावेदारी ने राजनीति को काफी रोचक बना दिया है। राज जायसवाल, हसन अली, कोमल जायसवाल और आशीष जायसवाल जैसे नाम चर्चा में हैं, जो इस बार के चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार हो सकते हैं। इस बार की रणनीति में पालिका में पिछड़ा वर्ग से आरक्षण हुआ है। कटघोरा नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के दावेदारों की सूची में कई नाम शामिल हैं, जिनमें प्रमुखता से बिरेंद्र मोहन कश्यप, ललिता डिक्सेना, मुरली साहू, बजरंग पटेल, आत्मानारायण पटेल, गायत्री जायसवाल, और सतीश जायसवाल के नाम सामने आए हैं।इनमें से गायत्री जायसवाल और ललिता डिक्सेना पहले भी अध्यक्ष पद पर रह चुकी हैं ।कटघोरा नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग मुक्त होने से भाजपा व कांग्रेस से दावेदारों के कई नाम सामने आ रहे हैं तो वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी व आम आदमी पार्टी भी अपनी दावेदारी अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तुत करेगी। लेकिन कटघोरा के मामले में प्रमुख दलों के अलावा दूसरे दलों की दावेदारी केवल औपचारिकता के अलावा कुछ नहीं हो सकती। चुनाव जीतने के लिए केवल रणनीति और वोट बैंक की काफी नहीं होता बल्कि बहुत सारे रुपए लगते हैं। कटघोरा में लंबे समय तक अध्यक्ष रहे रतन मित्तल इस मामले में काफी अनुभवी कहे जा सकते हैं। लेकिन उनके साथ प्रमुख बात यह भी है कि सरकार किसी की रही हो नगर विकास के लिए लड भीडक़र काम करना उन्होंने बेहतर सीखा है।