
कोरबा। जिले के धनरास स्थित एनटीपीसी के राखड़ बांध के विस्तार का काम जारी है। हालिया बारिश से अपने बांध को बचाने की चुनौती के बीच एनटीपीसी ने मौके पर जमा हुआ पानी तत्काल छोड़ दिया। इससे आसपास में स्थित कई किसानों के खेतों में पानी जा घुसा। उन्हें नुकसान हुआ है। सवाल उठ रहा है कि क्या इस मामले में एनटीपीसी प्रबंधन प्रभावित लोगों को क्षतिपूर्ति देगा भी?
सूत्रों ने बताया कि एनटीपीसी के राखड़ बांध क्षेत्र में जमा हुए पानी को बड़ी मात्रा में छोडऩे की कार्रवाई की गई। यह पानी बाद के निचले क्षेत्र में स्थित खेतों में जा घुसा। संबंधित खेत आसपास के किसानों के हैं। इनके जरिए किसानों की जीविका चलती है। किसानों का कहना है कि राखड़ बांध से छोड़ा गया पानी फ्लाईएश युक्त है। उसके साथ राखड़ की मात्रा भी आई ळै। पहले से ही कहा जा रहा है कि यह राखड़ कुल मिलाकर पर्यावरण से जुड़ी चीजों के लिए अनुकूल नहीं है। ऐसे स्थिति में तय है कि खेतों की उर्वरा क्षमता पर असर डाल सकती है और अगले खरीफ सीजन में बड़ा नुकसान हो सकता है। यह घटना ऐसे समय हुई जब खेतों में तैयारियां चल रही है। अगले कुछ दिनों में यहां बोनी और अन्य कार्य किये जाने हैं। इससे पहले हुए घटनाक्रम ने किसानों को परेशान किया है और उनकी चिंता बढ़ाई है। इसलिए मामले को लेकर स्वभाविक रूप से सवाल उठ खड़े हुए है कि जो कुछ मसला हुआ है, उस पर क्या एनटीपीसी प्रबंधन क्षतिपूर्ति देने पर विचार करेगा। दूसरी ओर एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी ने इस विषय पर बताया कि एनटीपीसी का राखड़ बांध सुरक्षित है और काम कर रहा है। इसकी ऊंचाई बढ़ाने के लिए पर्यावरण प्रबंधन से अनुमति लेकर काम कराए जा रहे हैं। इसमें मानक का ध्यान रखा गया है। लगातार इसकी पेट्रोलिंग का काम जारी है। शनिवार को भारी वर्षा होने पर राखड़ बांध को क्षति से बचाने के लिए संबंधित मार्ग से पानी को निकाला गया। इसका कुछ हिस्सा ग्रामीणेां के खेतों में भर गया है। बताया गया है कि तटबंध में अधिकारी मौजूद रहते हैं। घटना के समय भी अधिकारियों की उपस्थिति थी। जनसंपर्क विभाग ने दोहराया कि प्रबंधन राखड़ बांध के चारों तरफ रहने वाले लोगों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है।
























