रायपुर। छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिससे एक बड़ा आर्थिक घोटाला उजागर हुआ है। राइस मिलर्स, एक्सपोर्ट कमीशन एजेंट्स और राइस ब्रोकर्स के ठिकानों पर की गई छापेमारी में लगभग 10,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के दस्तावेज मिले हैं। यह छापे रायपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश के कुछ इलाकों में भी किए गए हैं।
कैसे हुआ यह बड़ा खुलासा?
आयकर विभाग की टीमों ने राजधानी रायपुर, राजिम, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग, तिल्दा, गोंदिया (महाराष्ट्र) और काकीनाड़ा (आंध्रप्रदेश) के 25 ठिकानों पर छापे मारे थे। इन छापों में कई अहम दस्तावेज और अप्रत्यक्ष लेन-देन की जानकारी मिली, जिनसे करीब 10,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पर्दाफाश हुआ है।
गड़बड़ियों की खोज
आयकर विभाग की जांच टीमों ने कैश, ज्वेलरी और अनियमित बुक्स के रिकार्ड्स के साथ कच्चे लेन-देन के पेपर्स भी बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों में एक गंभीर वित्तीय अपराध की ओर इशारा किया जा रहा है। आयकर अन्वेषण टीम ने सत्यम बालाजी समूह के संचालकों का बयान भी दर्ज किया और पाया कि इनकी गतिविधियों में गड़बड़ियों का एक लंबा सिलसिला चलता आ रहा था।
अब क्या होगा?
आयकर विभाग की टीमों ने शनिवार देर रात अपनी छापेमारी पूरी की और सभी दस्तावेज़ मुख्यालय में जमा कर दिए हैं। अब अगला कदम इन दस्तावेज़ों की गहन जांच करके एक अप्रेजल रिपोर्ट तैयार करना होगा। रिपोर्ट तैयार होने के बाद मामले को और गंभीरता से आगे बढ़ाया जाएगा। इस दौरान, छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के आयकर अन्वेषण विभाग के लगभग 100 अफसरों ने इस कार्रवाई में अपनी भूमिका निभाई थी।