बिश्रामपुर। खान प्रभावित गेतरा गांव के खूंटिया नाला के किनारे अवैध रूप से संचालित छुई खदान का एक हिस्सा धंसक जाने से तीन महिलाएं उसमें दब गई। उन्हें आनन फानन में बाहर निकाला गया। इस दौरान एक युवती की मौत हो गई। घटना में घायल दो ग्रामीण महिलाओं को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। जिले में अनेक अवैध छुई खदाने संचालित है। जिले में संचालित अवैध हुई खदानों में दर्जनों महिलाएं मौत का शिकार हो चुकी है। एसईसीएल की रेहर आवासीय कालोनी से एक किलोमीटर की दूरी पर खूंटिया नाला के तट पर लंबे अरसे से अवैध छुई खदान संचालित है। शनिवार को सुबह सलका गांव की नौ ग्रामीण महिलाएं घर की लिपाई करने के लिए खूंटिया नाले पर छुई मिट्टी की खोदाई करने गई थी। छुई मिट्टी निकालने के दौरान छुई खदान की मिट्टी धंसक जाने से ग्राम सलका महादेव पारा निवासी फुलकुंवर पुत्री धनसाय गोंड़ 22 वर्ष समेत दबिन्दर व पनमेश्वरी धसकी मिट्टी के नीचे दब गई। छुई मिट्टी लेने गई सोनामती, मनियारो आदि महिलाओं द्वारा शोर मचाने पर ग्रामीणों ने तत्काल वहां पहुंचकर छुई मिट्टी में दबी उक्त तीनों महिलाओं को बाहर निकाला। तब तक 22 वर्षीय युवती फूलकुंवर की मौत हो चुकी थी। वही हादसे में घायल दबिन्दर व पनमेश्वरी को तत्काल जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। घटना की सूचना पर पुलिस टीम समेत सूरजपुर तहसीलदार समीर शर्मा और वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। तहसीलदार समीर शर्मा ने बताया कि मिट्टी निकालने के दौरान सुरंग बन गई है, जिसे बंद कराया जाएगा। खदान पूरी तरह से असुरक्षित है। इधर कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।