
चांपा। बेधडक़ फसल लगाने वाले बेजाकब्जाधारियों को कानून का जरा सा भी डर नहीं है। प्रशासन द्वारा शासकीय भूमि को बेजाकब्ज़ा से मुक्त करने के उद्देश्य से लगाई गई लाल झंडा को बेजा कब्जाधारियों ने न सिर्फ उखाडक़र फेंक दिया। बल्कि तहसीलदार द्वारा भेजी गई नोटिस और फसल जब्त करने की कार्रवाई से भी कोई फर्क नहीं पड़ा और अब बेजाकब्जाधारी शासकीय भूमि पर फसल लगाकर प्रशासन को खुलेआम चुनौती दे रहे है। मामला सारागांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत जाटा का है। जहां के तथाकथित लोगों के द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करके खेत बनाकर और बाकायदा ट्यूबवेल खनन तथा तार से फेसिंग करके खेती कर रहे हैं। फिर भी प्रशासन मौन है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन को खुलेआम चुनौती देने वाले बेजा कब्जाधारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर इस समय उनके हौसले बुलंद हैं। उल्लेखनीय है कि जिले के कलेक्टर के निर्देश पर जाटा के शासकीय भूमि को सुरक्षित रखने तथा बेजाकब्जा से मुक्त करने के उद्देश्य से चाम्पा एसडीएम तहसीलदार, थाना प्रभारी व अन्य अधिकारियों ने पंचायत प्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों के मौजूदगी में लाल झंडा गाडक़र चिन्हांकित किया था। मगर प्रशासन की यह पहल गांव के तथाकथित लोगों को रास नहीं आया और झंडा को उखाडक़र फेक दिया और खेती करने लगे। बेज़ाकब्जाधारियों की इस हरकत को देखते हुए तहसीलदार ने बेजाकब्जाधारियों को नोटिश थमाया। उसके बाद भी फसल लगाने पर तहसीलदार ने पुलिस बल लेकर मौके पर पहुँच कर पसल जब्त करने की कार्यवाही किया। उसके भी बेजाकब्जाधारी नहीं माने और प्रशासन को चुनौती देते हुए शासकीय भूमि पर फसल लगाई है।