जांजगीर-चांपा। क्रेडा द्वारा निर्मित सोलर सिस्टम से पानी टंकी जिलेवासियों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। जिले भर में तकरीबन 500 से अधिक पानी टंकियों का निर्माण किया गया है जिसमें 50 फीसदी सिस्टम फेल हो चुके हैं। इसके चलते ग्रामीणों को गर्मी का मौसम आए बिना ही पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। क्रेडा विभाग ने तकरीबन 500 गांव में सोलर सिस्टम से पानी टंकी का निर्माण किया है। जिसमें सोलर सिस्टम से मोटर चलेगी और टंकी में पानी भरने के बाद पाइप लाइन से गांव में जल आपूर्ति होगी। क्रेडा विभाग ने तकरीबन 25 फीसदी गांव में इस सिस्टम से पानी टंकी का निर्माण किया है लेकिन विभागीय अधिकारी जब सिस्टम में किसी तरह का सुधार की जरूरत पड़ती है तो पलटकर नहीं देखते। अधिकतर गांव के ग्रामीणों को इस बात की चिंता सता रही है कि अभी यह हाल है तो आने वाले गर्मी के दिनों में क्या हाल होगा। ग्रामीणों का कहना है कि पहले टंकी से पानी आता भी था लेकिन अब नल में बूंद बूंद पानी टपकता है। जो ग्रामीणों के लिए किसी काम का नहीं रहता। जबकि ग्रामीणों ने इसकी कई बार क्रेडा विभाग को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई ग्रामीणों की बात को सुनने वाला नहीं है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा है कि यदि टंकी में वाटर सप्लाई के सिस्टम को जल्द नहीं सुधारा गया तो ग्रामीण अंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इधर क्रेडा’ के अधिकारियों का मानना है कि जहां जहां शिकायत मिलती है वहां के सिस्टम को ठीक किया जाता है। कुछ इसी तरह की परेशानियों के चलते पामगढ़ ब्लाक के कोनारगढ़ के ग्रामीणों को इन दिनों पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। कहने को तो गांव में क्रेडा विभाग ने सौर उर्जा से जुड़ी दो-दो पानी टंकी का निर्माण किया है लेकिन दोनों ही टंकियां ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। ग्रामीणों की माने तो अभी जब यह हाल है तो आने वाले गर्मी के दिनों में क्या हाल होगा अंदाजा लगाया जा सकता है। क्रेडा विभाग ने कोनारगढ़ में लाखों रुपए की लागत से सौर उर्जा के माध्यम से दो-दो पानी टंकी का निर्माण किया है। पानी टंकी को बने दो साल बीत गए। जिसमें एक टंकी में जैसे तैसे पानी आता है लेकिन दूसरी टंकी पूरी तरह से सो पीस बनकर रह गया है। सच कहा जाए तो सोलर सिस्टम से जल आपूर्ति कराई जाने के मामले में विभाग द्वारा जिन ठेकेदारों द्वारा काम कराया गया है उनसे मोटी रकम कमीशन लेकर आनन-फानन में हैड ओवर कर दिया गया है किंतु इन निर्माण किए गए पानी टंकियों का अस्तित्व अब खतरे में है वहीं इसके ऊपर निर्भर ग्रामीणों का जीवन भी परेशानियों से होकर गुजरने लगी है। कहा जाए तो अधिकारी कमीशन लेकर मालामाल हो रहे हैं और जिन स्थानों पर यह सोलर और पानी टंकियां का निर्माण कर जल आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है वहां के ग्रामीण जन तंगहाल जीवन जीने को मजबूर है ऐसे में इन कार्यों की सूक्ष्म जांच किया जाना आवश्यक है ताकि भ्रष्टाचार से परत है सके। जिले में क्रेडा विभाग द्वारा तकरीबन 500 पानी टंकियों का निर्माण किया गया है। हमें जहां जहां से शिकायत मिलती है वहां वहां कार्रवाई करते हैं। – आलोक तिवारी, प्रभारी क्रेडा