कोरबा। कोरबा जिले में ट्रेनों की लेट लतीफी की समस्या बनी हुई है। जो यात्री और परिवारजनों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। इससे यात्रियों को राहत नहीं मिल पा रही है। अधिकांश सवारी गाड़ी विलंब से ही चल रही है। देरी से गंतव्य तक पहुंचने के कारण लोगों के जहां काम प्रभावित हो रहे हैं, वहीं वापसी में अपने घर समय पर नहीं पहुंचने से पूरा परिवार परेशान रहता है। इसे सुधारने के लिए रेलवे ने कई प्रयास किए, किन्तु अभी तक कोई सफलता मिलते नहीं दिख रही हैं। यहां से ट्रेनें अपने समय पर नहीं चल रही हैं।
इसी कड़ी में यशवंतपुर से कोरबा आने वाली वैनगंगा सुपरफास्ट एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 5 घंटा 38 मिनट देरी से आई। इस गाड़ी के यहां पहुंचने का निर्धारित समय अलसुबह 4.30 बजे का है, लेकिन वह 10.08 बजे पहुंची। विलंब से आने के कारण यह गाड़ी वापसी भी अपने सही समय पर नहीं जा पायी। सुबह 8.05 बजे यहां से यशवंतपुर को रवाना होना था, लेकिन 10.45 बजे गई। इसी तरह लिंक एक्सप्रेस भी सुबह 11.45 बजे के स्थान पर दोपहर 1.42 बजे पहुंची। हसदेव एक्सप्रेस शनिवार की रात 9.45 के स्थान पर 10.29 बजे आई, तो रायपुर कोरबा मेमू लोकल जिसे यहां सुबह 11.20 बजे आना था वह गाड़ी दोपहर 12.49 बजे पहुंची।
कोरबा-चांपा और बिलासपुर-जयरामनगर के बीच ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम काम करना शुरू कर दिया है। रेलवे के अनुसार इस सिस्टम से गाडिय़ों की रफ्तार बढ़ जाएगी। कोरबा आने व यहां से वापस जाने वाली यात्री ट्रेनों के साथ ऐसा कुछ भी परिवर्तन नहीं दिख रहा है, जिससे गाडिय़ों की रफ्तार बढ़ी हो। उक्त रूट की गाडिय़ां विलंब से ही चल रही हैं।