बलौदा। एक ओर केंद्र सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के जरिए नगर को साफ और स्वच्छ रखने की बात कही जा रही है तो दूसरी ओर तहसील कार्यालय बलौदा के जिम्मेदार शायद केंद्र सरकार की योजना से अनजान है यहां के अधिकारियों को सफाई से कोई लेना देना नहीं है। सार्वजनिक स्थलों पर साफ परिसर की उम्मीद करना भी बेमानी है। यहां की दीवारें गुटका के पीक से भरी पड़ी है। इस मुद्दे पर विभाग के प्रमुखों की लापरवाही, अधिकारियों-कर्मचारी तथा लोगों में जानकारी की कमी के कारण सफाई कहीं पर भी नजर नहीं आ रही है।
यहां स्थित सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव और सुधार की कमी है। सबसे बड़ी बात यह है की तहसील कार्यालय का शौचालय सालों से टूटा पड़ा हुआ है जहां से बदबू आ रही है। शौचालय के ठीक बगल के तहसीलदार का कमरा है फिर भी न जाने क्यों शौचालय की साफ सफाई की ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। आने वाले दिनों में बदबू को देखकर लगता है कि कई बीमारियां तहसील ऑफिस बलौदा से जन्म लेकर लोगों को परेशान करने वाली है लेकिन शायद उसके बाद भी यहां के अधिकारियों को इस और ध्यान साफ-सफाई का अभाव तो है ही, तहसील परिसर में पीने के पानी का भी इंतजाम नहीं है। ऐसे में काम से आने वाले लोगों को यहां पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। मजबूर खरीदकर पानी पीना पड़ता है। इस दिशा में भी किसी तरह प्रयास नहीं किया जा रहा है और न हीं पानी की कोई व्यवस्था बनाई जा रही है।