मेदिनीपुर : ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी की छात्र शाखा तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के दो नेताओं के निलंबन के बाद भाजपा नेता दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस पर कटाक्ष किया । निलंबित नेताओं, प्रांतिक चक्रवर्ती और राजन्या हलदर पर शुक्रवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया गया था। घोष ने शनिवार को कहा, “यदि आप टीएमसी में हैं और सच्चाई के साथ रहने की इसकी नीति का विरोध करते हैं, तो यह संभव नहीं है। टीएमसी ने उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है जिन्होंने आरजी कर घटना के खिलाफ आंदोलन का समर्थन किया है।” इसके बाद उन्होंने डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए आंदोलन को जारी रखने के महत्व को रेखांकित किया, जिसके बारे में भाजपा नेता का दावा है कि इससे राज्य सरकार पर लगाम लगेगी। हालांकि, घोष ने मौजूदा टीएमसी सरकार पर दोषियों को बचाने के लिए सबूत मिटाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। घोष ने दावा किया, “जिस तरह से इस आंदोलन के बारे में चर्चा चल रही है, जिसने भी अपनी पार्टी के भीतर आंदोलन (आरजी कर विरोध प्रदर्शन) का समर्थन किया है, टीएमसी ने उसके खिलाफ ‘व्यवस्था’ की है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या सर्जिकल छात्रों की हड़ताल जारी रहनी चाहिए, तो घोष ने जवाब दिया, “हड़ताल नहीं,बल्कि एक जन आंदोलन (आंदोलन) आयोजित किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर सरकार सबूत मिटा देती है और दोषियों को बचाती है, तो एक ऐसा आंदोलन आयोजित किया जाना चाहिए जिससे सरकार की सांसें थम जाएं।”