नईदिल्ली, १० सितम्बर । जी 20 सम्मेलन के मद्देनजर सख्त सुरक्षा व्यवस्था और नई दिल्ली इलाके में वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी के मद्देनजर एम्स, सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में लगातार दूसरे दिन ओपीडी में मरीजों की संख्या बहुत कम रही। ऐसे में सम्मेलन के बाद इन अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ सकती है। इस वजह से सोमवार और मंगलवार को इन अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों का दबाव अधिक रहने की संभावना है। सफदरजंग अस्पताल की मुख्य ओपीडी में शनिवार को 1984 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इसके अलावा बर्न सेंटर, आर्थोपेडिक, स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर और सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में भी मरीज देखे गए। फिर भी सामान्य दिनों की तुलना में इस अस्पताल में मरीजों की संख्या कम रही। आरएमएल अस्पताल की ओपीडी में 1546 मरीज देखे गए। जबकि शनिवार को सामान्य तौर पर इस अस्पताल में करीब साढ़े चार हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। लिहाजा, इस अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या करीब 65 प्रतिशत कम रही। आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पतालों में सभी डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई है। रविवार को भी डाक्टरों को ड्यूटी पर मौजूद रहने के लिए कहा गया है। आरएमएल अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि जिन डाक्टरों के पास जी-20 सम्मेलन के दौरान ड्यूटी का पास नहीं था उन्हें शनिवार को अस्पताल में सुरक्षा कर्मियों ने प्रवेश नहीं होने दिया। इस वजह से कई डाक्टर अस्पताल के गेट से ही वापस लौट गए। मरीजों को भी अस्पताल पहुंचने में दिक्कत हुई।एम्स की ओपीडी में भी 35-40 मरीज कम पहुंच पाए। ज्यादातर वही मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे जिनके पास पहले से अप्वाइंटमेंट था।संस्थान के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि एम्स में अप्वाइंटमेंट मिलना ही बहुत मुश्किल होता है। ओपीडी में भी इलाज के लिए लंबी वेटिंग है। इसलिए जिन मरीजों को अप्वाइंटमेंट मिल जाता है वे चाहते हैं कि किसी भी तरह अस्पताल पहुंचना चाहते हैं, लेकिन बगैर अप्वाइंटमेंट वाले मरीज ज्यादा नहीं आए। अप्वाइंटमेंट भी कम मरीजों को दिया गया था। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भी अस्पतालों में दो तिहाई तक कम मरीज पहुंच पाए थे। लगातार दो दिन ओपीडी में कम मरीजों के पहुंचने और रविवार साप्ताहिक अवकाश का दिन होने के बाद अगले दिन ओपीडी में मरीजों का दबाव बढऩे की संभावना जताई जा रही है।