नईदिल्ली, २१ फरवरी ।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) नेताओं ने बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के आगामी विधानसभा चुनावों में एकजुट होकर विपक्ष का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता जताई है। दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए नेताओं की बैठक में एक मजबूत गठबंधन का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों को देश के विकास और लोक कल्याण के लिए काम करने को कहा। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ गर्मजोशी के बात कर प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच टकराव की अटकलों पर विराम लगा दिया। भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सेल के प्रमुख अनिल बलूनी के अनुसार एनडीए नेताओं ने दिल्ली की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। इसके साथ ही एनडीए नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनावों में भी एनडीए को एकजुट होकर मजबूती से लडऩे पर जोर दिया। ध्यान देने की बात है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के कई सांसदों, मंत्रियों और नेताओं ने अपने-अपने प्रभाव वाले इलाकों में भाजपा के लिए प्रचार किया था। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ-साथ भाजपा समेत एनडीए के सहयोगी दलों के कई नेता मौजूद थे। भाजपा महासचिव विनोद तावड़े के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि एनडीए के केंद्र और राज्य सरकारें विकसित भारत के निर्माण के साथ-साथ गरीबों, महिलाओं और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए मजबूती से काम करते रहेंगे। प्रधानमंत्री के अनुसार सुशासन, विकास और लोक कल्याण के लिए समर्पित होकर काम करने के कारण ही जनता एनडीए की सरकारों पर बार-बार अपना भरोसा जताती रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन में मचे घमासान और गठबंधन के अस्तित्व पर ही उठ रहे सवालों के बीच एनडीए के नेताओं की एकजुटता अहम मानी जा रही है। जहां एक ओर लोकसभा चुनाव के बाद आईएनडीआईए की एक भी बैठक नहीं हुई है। वहीं एनडीए के घटक दलों के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए लगातार बैठकें हो रही हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह में भी एनडीए के घटक दलों के नेता एकजुट हुए थे। इसके अलावा 25 दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एनडीए नेताओं की बैठक हुई थी। उसी बैठक में सभी एनडीए नेताओं ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर प्रचार करने का फैसला किया था।