नईदिल्ली। दुनिया में ऐसी सरकारों की जरूरत है जो स्वच्छ हो, पारदर्शी हो, भ्रष्टाचार से दूर हो और सभी को साथ लेकर चले। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुबई में वल्र्ड गवर्नमेंट्स समिट को संबोधित करते हुए कही। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को इस वैश्विक कार्यक्रम में कई देशों के नेताओं के सामने न सिर्फ अपनी सरकार की कार्यशैली और नीतियों को विस्तार से गिनाया बल्कि यह भी बताने की कोशिश की कि क्यों भारत की जनता का उनकी सरकार के प्रति भरोसा बढ़ता जा रहा है। इस क्रम में प्रधानमंत्री ने भौगोलिक अखंडता की सुरक्षा करने और सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की हिदायत देकर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद की तरफ भी इशारा कर दिया। यह सम्मेलन हर साल दुबई में आयोजित होता है जो सरकारों को भविष्य की चुनौतियों और इनके लिए अनुभव साझा करने का एक प्रसिद्ध प्लेटफार्म बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कई विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद सरकारों के प्रति आम जनता का भरोसा कम हुआ है। लेकिन भारत में हमने एकदम विपरीत अनुभव देखा है। बीते वर्षों में भारत सरकार पर देश के लोगों का भरोसा और मजबूत हुआ है। लोगों को हमारी सरकार की प्रतिबद्धता पर भरोसा बढ़ा है। क्योंकि हम देशवासियों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं। लोगों की जरूरतों और सपने दोनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत यह रहा है कि न्यूनतम गवर्नमेंट, अधिकतम गवर्नेंस।
सनद रहे कि हाल ही में भारत में पांच राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं जिसमें तीन बड़े राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) में भाजपा को विजय हासिल हुई है। इसमें दो राज्य उसने कांग्रेस से हासिल किए हैं। उन्होंने वैश्विक नेताओं को चेताते हुए कहा, पिछली सदी से खाद्य, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसी चुनौतियों का अब विस्तार हो रहा है। आतंकवाद एक नए स्वरूप के साथ मानवता के सामने नई चुनौती लेकर आ रहा है, जबकि पर्यावरण संबंधी चुनौतियां बड़ी होती जा रही हैं। इन चिंताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय सिस्टम बिखरा नजर आ रहा है। ऐसे में सरकारों के सामने अपनी प्रासंगिकता को बचाना भी चुनौती है। ऐसे में विश्व को ऐसी सरकारें चाहिए जो पर्यावरण सुरक्षा को लेकर गंभीर हो, सभी को साथ लेकर चले, स्मार्ट हो, प्रौद्योगिकी को बड़े बदलाव का जरिया बनाए। ऐसी सरकार की जरूरत है जो स्वच्छ हो, पारदर्शी हो और भ्रष्टाचार से मुक्त हो। बतौर प्रधानमंत्री विगत 10 वर्षों जो अहम बदलाव उन्होंने किए हैं, इसके बारे में मोदी ने बताया कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। 400 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि सीधे लोगों के बैंक खाते में डाली गई है। इससे भ्रष्टाचार की संभावना को खत्म किया गया है और 33 करोड़ डालर की राशि गलत हाथों में जाने से रोकी गई है।इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में बदलाव की मांग भी इस मंच पर रखी। वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर उन्होंने कहा कि जब हर देश अपने आप में बदलाव कर रहे हैं तो वैश्विक सस्थानों में भी सुधार होने चाहिए। हमें भविष्य की योजना बनानी है, विकासशील देशों की भागीदारी सुनिश्चित करनी है। जरूरतमंद देशों के साथ अपने स्त्रोतों व क्षमता को हिस्सा बनाना है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व क्रिप्टोकरेंसी, साइबर क्राइम से जुड़ी चुनौतियां को लेकर वैश्विक सुरक्षा तंत्र विकसित करना है। अपनी भौगोलिक अखंडता की सुरक्षा करते हुए अतंरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना है। मोदी ने उक्त बातें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव के संदर्भ में कहीं।प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को दुबई में यूएई के उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद से मुलाकात की और व्यापार व निवेश, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क समेत द्विपक्षीय सहयोग के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की।
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर और बढ़ते आर्थिक संबंधों का स्वागत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई के प्रधानमंत्री को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।शेख मोहम्मद बिन राशिद रक्षा मंत्री और दुबई के शासक भी हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में इंडियन कम्युनिटी हास्पिटल के लिए जमीन देने के लिए प्रधानमंत्री राशिद की सराहना की। मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री राशिद ने अपनी लिखी एक पुस्तक की प्रति प्रधानमंत्री मोदी को भेंट की।इस बीच, व?र्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी ने मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलीना से भी मुलाकात की एवं भारत-मेडागास्कर साझेदारी को और मजबूत करने व उसकी विकास यात्रा में मदद करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। बाद में प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘मेडागास्कर हमारे सागर विजन का अहम साझीदार है। हमने दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।’