
मुरादाबाद, १५ मार्च । बरेली एसटीएफ की टीम ने डिलारी थाना क्षेत्र से फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी अपराधियों का फर्जी नाम से पासपोर्ट बनाकर विदेश भेजते थे। आरोपियों ने संभल के कुख्यात वाहन लुटेरे शारिक हुसैन उर्फ साठा का पासपोर्ट बनवाकर दुबई भेजा है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की। एसटीएफ बरेली यूनिट के सीओ अब्दुल कादिर ने बीते कुछ माह से एसटीएफ की टीम फर्जी नाम और पते से पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह के सदस्यों का पता लगा रही थी। इसी दौरान टीम को पता चला कि मुहम्मद अकरम निवासी मुहल्ला शेखियान नूरी जामा मस्जिद थाना डिलारी का हिस्ट्रीशीटर है। उसका पासपोर्ट बनाने का काम महफूज खां निवासी अगवानपुर थाना सिविल लाइंस के द्वारा किया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद एसटीएफ के दारोगा राशिद अली, सिपाही गिरिजेश पोसवाल, संदीप कुमार, शिवओम पाठक, नितिन, संजय यादव, कमांडो खान मुहम्मद ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। 14 मार्च को पुलिस ने डिलारी के डिलरा चौराहा ठाकुरद्वारा रोड से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अकरम ने पूछताछ में बताया कि उसका पासपोर्ट नहीं था। कुछ माह पहले उसकी मुलाकात महफूज से हुई थी, उसने आधार कार्ड में गांव के पते की जगह अगवानपुर के फर्जी पते से पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कराया था। आरोपी महफूज ने बातचीत के दौरान ही जानकारी दी कि उसने संभल के नखासा थाने के हिस्ट्रीशीटर सारिक हुसैन उर्फ साठा का साल 2020 में पासपोर्ट बनवाया था, जिसके बाद वह दुबई के शारजाह में रहने लगा है। मौजूदा समय में वह दुबई से दिल्ली तक लिक्विड फॉर्म में सोने की तस्करी का काम करता है। आरोपी महफूज ने इस दौरान सारिक उर्फ साठा के व्हाट्सएप नंबर पर बात भी कराई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से एसटीएफ फर्जी दस्तावेज के साथ ही एक एयर इंडिया का टिकट भी मिला। दोनों आरोपियों के खिलाफ डिलारी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई।सटीएफ की पूछताछ में महफूज ने बताया कि बीते वर्ष वह शारिक उर्फ साठा से मिलने के लिए दुबई गया था। इस दौरान उसने लिक्विड फॉर्म में दिल्ली तक सोने की तस्करी कैसे की जाती है, इसकी जानकारी दी थी। इस काम के लिए उसने कुछ लोगों की व्यवस्था करने के लिए कहा था, जिसके बाद आरोपी महफूज अपराधियों का फर्जी नाम और पते से पासपोर्ट बनवाने के साथ ही उन्हें दुबई भेजने का काम कर रहा था। आरोपी अकरम का पासपोर्ट बनवाकर उसे दुबई भेजने की तैयारी थी। आरोपी महफूज ने इससे पहले लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य दीपक बॉक्सर का रवि अंतिल के नाम से फर्जी पासपोर्ट तैयार कराया था। उसी पासपोर्ट से वह मैक्सिको भाग गया था। हालांकि, बाद में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसे गिरफ्तार करके देश वापस लाई थी।एसटीएफ की पूछताछ में पता चला कि संभल के हिस्ट्रीशीटर साठा को भगाने के लिए महफूज ने दिल्ली के नजफगढ़ निवासी राहुल ओझा से मदद ली थी। आरोपी ने साठा के पासपोर्ट में संत नगर बुरारी दिल्ली का पता दर्ज कराया था। इसी पते पर दिल्ली पुलिस ने तस्दीक भी की थी। इसके साथ ही फर्जी सिम देने का काम भी राहुल ओझा के द्वारा किया जाता था।बीते वर्ष गैंगस्टर दीपक पहल का फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने महफूज को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ छजलैट थाने में भी प्राथमिकी दर्ज है। दिल्ली पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश करने के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया था। वहां करीब आठ माह के बाद उसकी जमानत हो गई थी। जेल से निकलने के बाद ही महफूज फिर फर्जी पासपोर्ट बनाने के काम में जुट गया था। लेकिन उससे पहले ही एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।




















