
जांजगीर – चांपा । अंचल के प्रसिद्ध मां मनका दाई मंदिर सहित देवी दाई जांजगीर, समलेश्वरी देवी चांपा, मनका माई मदनपुरगढ़, अन्नधरी पहरिया में नवरात्रि पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। आज अष्टमी को सभी मंदिरों में सुबह से ही अठवाई चढाने और दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रही। वहीं दुर्गा पंडालों में भी माता के दर्शन को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कई स्थानों पर हवन के बाद कन्या पूजन कर उपहार दिया गया।शारदीय नवरात्र के अष्टमी को देवी मंदिरों में भक्तों की कापुी भीड़ रही। मंदिरों में पूजा – पाठ व हवन के साथ ही कन्या भोज कराया गया। चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से प्रारंभ हुआ। इस दौरान देवी मंदिरों में आठ दिनों तक भक्तिमय माहौल रहा। अष्टमी को कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया गया। आज नवरात्रि की अष्टमी पर मां मनका दाई मंदिर खोखरा में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही। मंदिर परिसर स्थित यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने वाले भक्तों की काफी भीड़ रही। महाअष्टमी पर वैदिक मंत्रोच्चर के साथ पूजा – अर्चना की गई। हवन के साथ कुंवारी भोज का आयोजन भी किया गया। श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर मत्था टेका। इसी तरह शिरिष पाठ मंदिर डोंगाकोहरौद, देवी दाई मंदिर जांजगीर, मनका माई मंदिर बनारी में अष्टमी की महापूजा में देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इन मंदिरों में भी कुंवारी कन्याओं को भोज कराया गया। वहीं कई घरों व मंदिरों में आज भी हवन पूजन के साथ कन्या भोज कराया गया। इस दौरान नगर व आसपास के देवी मंदिरों में भीड़ लगी रही। अष्टमी पर नगर के विभिन्न स्थानों व देवी मंदिरों में भंडारा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। नैला में श्री श्री दुर्गा पूजा उत्सव सेवा समिति द्वारा रेलवे स्टेशन के सामने इस बार अयोध्या के राम मंदिर की तरह 135 फीट ऊंचा पंडाल तैयार किया गया है जिसमें स्वर्ण परत जडि़त सिंहासन में मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गईहै। माता की प्रतिमा के साथ ही भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती की 15 – 15 फीट की प्रतिमा स्थापित किया गया है। सभी प्रतिमाओं के ऊपर चांदी के छत्र लगाए गए हैं। पूरे पंडाल में मुंबई की आकर्षक लाइटें लगाई गई है। वहीं पंडाल की फूलों से आकर्षक सजावट की गई है। छत्तीसगढ के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालु माता के दर्शन को पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते रविवार को पंडाल में पैर रखने की जगह नहीं थी।