ढाका, १० दिसम्बर ।
बांग्लादेश से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रशासन के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों का सुनियोजित तरीके से उत्पीडऩ कराया है। उनके फासीवादी शासन ने ही आतंकियों और कट्टरपंथियों को बेरोकटोक धार्मिक उन्माद फैलाने दिया। उन्होंने कसम खाई कि वह यूनुस और उनकी सरकार के लोगों का बांग्लादेशी कानून के तहत न्याय करेगी। उम्मीद जताई कि बांग्लादेश पर छाया अंधियारा छंटेगा और भविष्य बेहतर होगा। शेख हसीना ने फोन पर 37 मिनट के अपने संबोधन में रविवार को लंदन स्थित ओवरसीज आवामी लीग समर्थकों से कहा कि पांच अगस्त से अल्पसंख्यक हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमले हो रहे हैं। उनके मंदिर, चर्च और मठ गिराए जा रहे हैं। हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। नए शासन में जमात और आतंकियों को हत्याओं, लूटपाट और तबाही मचाने की खुली छूट मिली हुई है। उन्होंने जवाबदेही और न्याय की मांग करते हुए कहा कि फासीवादी शासन में निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। कानून का शासन खत्म हो चुका है। उन्होंने दोहराया कि जुलाई-अगस्त का संघर्ष जिसके चलते उनकी निर्वाचित सरकार को अपदस्थ किया गया, उसके मास्टरमाइंड मोहम्मद यूनुस ही हैं। शेख हसीना के बयान की यह ऑडियो रिकॉर्डिंग बांग्लादेश स्टूडेंट्स लीग और बांग्लादेश आवामी लीग के फेसबुक पेज पर साझा की गई है। अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना का यह बयान सोमवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के ढाका दौरे से ऐन पहले जारी किया गया है। विक्रम मिसरी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। शेख हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस सरकार ने अपराधियों और आतंकियों को माफ कर रिहा कर दिया। और इन्हीं अपराधियों ने बांग्लादेश की संसद पर हमला किया और हत्याओं को अंजाम दिया।
वह पुलिसकर्मियों और छात्रों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वह कसम खाती हैं कि इन युद्ध अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आज जो गलत कर रहे हैं, वह कानून की गिरफ्त से बचेंगे नहीं। अगस्त से अब तक आवामी लीग के एक हजार से अधिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों की हत्या की जा चुकी है। उनकी पार्टी की सभी इकाइयों पर हमले किए गए हैं।
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