
बिश्रामपुर। पिलखा पहाड़ समेत सुखरी, फतेहपुर, धनगवां में पहाड़ पर इन दिनों जगह बदल बदल कर जुआ का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। जहां जुआरी रोजाना पांच से छह लाख रुपये की जीत हार का दांव लगा रहे हैं। छोटे छोटे जुआरियों तक पहुंचने वाली पुलिस जुआ के बड़े फड़ो तक पहुंच पाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। कथित खाखी वर्दीधारियों के भी जुआ के फड़ो में हार जीत का दांव लगाने से पुलिस महकमे की छवि भी धूमिल हो रही है।
जुआ के अवैध कारोबार के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले गांधीनगर थाना के सुखरी इलाके में संचालित जुआ के अवैध फड़ो मे रोजाना लाखो की हार जीत का दांव लग रहा है। कथित पुलिसिया सांठगांठ से सुखरी इलाके में कभी पहाड़ पर तो कभी नीचे रोजाना जुआरी जुआ में लाखों की जीत हार का दाँव लगा रहे हैं। जुआरी जयनगर थाना क्षेत्र की सरहद पर भी बीचबीच में जीत हार का दांव लगाने से नही चूकते है। जुआ खिलाने वाले सुखरी पहाड़ी के अलावा पिलखा पहाड़ समेत धनगवां व फतेहपुर में जगह बदल बदल कर जुआ का अवैध फड़ संचालित कर रहे है। जुआं के चक्कर मे लाखो रुपये गवां चुके एक जुआरी कालरी कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिसिया सेटिंग का हवाला देकर जुआ का अवैध कारोबार संचालित किया जा रहा है। उसने बताया कि जंगल पहाड़ में संचालित जुआ के फड़ में बिश्रामपुर इलाके से लेकर सुरजपुर, लखनपुर, उदयपुर, अंबिकापुर, भटगाँव, प्रतापपुर, वाड्रफनगर क्षेत्र से दर्जनों जुआरी रोजाना लाखो की जीत हार का दांव लगा रहे है। जुआ के अवैध फड़ो में बाहरी लोगों की आवाजाही के साथ-साथ ग्रामीण युवकों द्वारा जुआ खेले जाने से सुखरी, फतेहपुर इलाके का माहौल अशांत हो रहा है। वही शराब पीकर जुआरियों द्वारा उत्पात मचाए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है। किशोर भी जुआ की लत का शिकार हो रहे हैं। इससे चिंतित ग्रामीणों ने सरगुजा एवं सूरजपुर एसपी से जुआ के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने एवं जुआरियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। जुआ खिलाने वाले झालरों द्वारा जीत हार की प्रत्येक बाजी में पुलिस अफसरो के नाम से नाल की निर्धारित राशि भी निकाली जाती है। जुआ, सट्टा, कबाड़, कोयला, शराब, नशीले इंजेक्शन की बिक्री जैसे अवैध कारोबार पर लगाम कसने आए दिन पुलिस महकमे के आला अफसरों द्वारा संबंधित थानों को निर्देशित किए जाने के बावजूद पुलिस अफसर के नाम पर नाल निकाल कर धड़ल्ले से जारी जुआ के खेल से आम जनमानस में पुलिस महकमें की जमकर फजीहत हो रही है। जुआ में बड़ी रकम हार चुके एक जुआरी ने बताया कि जुआ के फड़ में खाखी वर्दीधारी आदतन जुआरी भी ताश के पत्तों पर जीत हार का दाव लगाते हैं। ऐसे मामले पूर्व में भी प्रकाश में आए, लेकिन पुलिस महकमें की बदनामी को लेकर मामले में कथित पुलिस कर्मियों को बचा दिए जाने से जुआ का खेल बदस्तूर जारी है।