
जालंधर, 0४ अगस्त [एजेंसी]।
फरवरी से लंबित चल रहे नगर कौंसिलों और नगर पंचायतों के चुनाव नवंबर में होंगे। इनमें जालंधर जिला के शाहकोट, भोगपुर, गोराया और बिलगा भी शामिल हैं। इस चुनाव से चार विधानसभा हलकों में राजनीति गर्म रहेगी। बिलगा में नगर पंचायत है और बाकी तीनों जगह नगर कौंसिल हैं। सभी जगह 13-13 वार्ड हैं। नगर कौंसिल चुनावों को लेकर राजनीति एक बार फिर तेज होगी। हालांकि इस स्तर के चुनाव में कोई भी राजनीतिक दल अपने चुनाव चिन्ह पर मैदान में नहीं उतरता है, बावजूद राजनीतिक दलों का जोर पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान की नजर आता है। भोगपुर नगर कौंसिल आदमपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है तो गोराया नगर कौंसिल फिल्लौर में आता है। बिलगा नकोदर विधानसभा क्षेत्र के सब डिवीजन नूरमहल का हिस्सा है। शाहकोट नगर कौंसिल विधानसभा क्षेत्र शाहकोट में है। नकोदर में आम आदमी पार्टी से इंदरजीत कौर मान विधायक हैं तो बाकी तीन जगह पर कांग्रेस के विधायक हैं, जिनमें आदमपुर से सुखविंदर कोटली, फिल्लौर से चौधरी विक्रमजीत सिंह और शाहकोट से हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया विधायक हैं। लोकसभा उपचुनाव बिलगा में अकाली-बसपा को बढ़त मिली थी, लेकिन बाकी जगह आम आदमी पार्टी आगे रही थी। चुनाव एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच होने हैं। तब तक देश की राजनीति में भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कांग्रेस और आप लोकसभा चुनाव के लिए एक मंच पर आ रहे हैं। अगर ऐसा हो जाता है तो नगर कौंसिल चुनाव में दोनों राजनीतिक दलों के लिए एक दूसरे का खुला विरोध करना मुश्किल हो सकता है। तब तक लोकसभा चुनाव भी काफी नजदीक होंगे। ऐसे में नजरें कांग्रेस और आप पर रहेंगी। अकाली-बसपा गठजोड़ नगर कौंसिल में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाना चाहेगा, ताकि लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखा सके। भाजपा भी देहात में मजबूती के लिए पूरा जोर लगाएगी।बिलगा: नगर पंचायत वार्ड: 13 पूर्व प्रधान : अमरजीत कौर – यहां पर संसदीय उपचुनाव में अकाली-बसपा को लीड मिली थी। मतदाताओं की नजर कांग्रेस और आप पर भी है। यहां पर करीब छह हजार वोटर हैं। भोगपुर: नगर कौंसिल वार्ड : 13 पूर्व प्रधान : मंजू अग्रवाल – कस्बों में राजनीति सत्ता के हिसाब से बदलती है। यहां पर पहले अकाली दल का कब्जा था। फिर कांग्रेस का कब्जा हुआ। आप की सरकार बनीं तो प्रधान आप का हो गया। यहां पर करीब 12 हजार वोटर हैं। शाहकोट: नगर कौंसिल वार्ड :13 पूर्व प्रधान: सतीश रेहान – यहां पर सत्ता आप और कांग्रेस के बीच घूम रही है। अकाली दल थोड़ा कमजोर है।
शाहकोट में लगभग 10 हजार वोटर हैं। गोराया: नगर कौंसिल वार्ड: 13 पूर्व प्रधान : कमलजीत सिंह बिट्टू – गोराया को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और लंबे समय से यहां पर कांग्रेस को जीत मिलती रही है। गोराया में करीब 11 हजार वोटर हैं।