सिलीगुड़ी, १९ जून ।
कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना की जांच शुरू करने के साथ ही रेलवे के विशेषज्ञों ने मान लिया है कि नियमों की अनदेखी की वजह से मालगाड़ी ने एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मारी। सिग्नल खराब होते हैं। खराब सिग्नल को पार करने के लिए अधिकार पत्र दिए जाते हैं। इस मामले में भी ऐसा हुआ, लेकिन मालगाड़ी सतर्कता और धीमी गति के साथ आगे बढऩे की नियमों का उल्लंघन करते हुए दौड़ी।ऐसा क्यों हुआ, इसकी जांच की जा रही है। उत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। मंगलवार को इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 10 हो गई। सिलीगुड़ी में इलाज के दौरान एक छह साल की बच्ची की मौत हो गई।अभी भी 38 घायलों का उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। रेलवे ने मृतकों के स्वजन तथा घायलों को अनुग्रह राशि का भुगतान कर दिया है। बचाव कार्य थमने के बाद रेलवे ने कड़ी मशक्कत के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों को शेष भारत से जोडऩे वाले इस महत्वपूर्ण रेल मार्ग पर आवागमन शुरू करा दिया है। दुर्घटना में घायल मालगाड़ी के अस्सिटेंट लोको पायलट मोनू कुमार से भी पूछताछ शुरू हो गई है। मालगाड़ी के लोको पायलट अनिल कुमार की मौत हो गई है, जबकि मोनू ने सीट के नीचे बैठकर जान बचाई। वे घटना के प्रमुख प्रत्यक्षदर्शी हैं। रेलवे अधिकारियों ने उनसे मंगलवार को पूछताछ की। मोनू दुर्घटना के बाद सदमे हैं।
यह नहीं पता चल पाया कि है कि दुर्घटना के कारणों के बारे में उन्होंने क्या कहा इस बीच एक यात्री चैताली मजूमदार ने मालगाड़ी के लोको पायलट और अस्सिटेंट लोको पायलट के खिलाफ न्यू जलपाईगुड़ी जीआरपी थाने में एफआइआर दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि इनके गैर जिम्मेदाराना ढंग से ट्रेन चलाने की वजह से दुर्घटना हुई।सोमवार को दार्जिलिंग जिले के रांगापानी और चटेर हाट स्टेशन के बीच कंचनजंघा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से में मालगाड़ी ने टक्कर मारी थी। मंगलवार की सुबह दुर्घटना की जांच शुरू हुई।
उत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग घटनास्थल पर गए फिर न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास कार्यालय में रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की। गर्ग के साथ कटिहार डिवीजन के डीआरएम सुरेंद्र कुमार समेत अन्य वरिष्ठ भी थे।गर्ग ने कहा कि स्वचालित सिग्नल प्रणाली में खराबी आती है। ऐसी स्थिति में ट्रेन को आगे बढऩे के लिए लोको पायलट को अधिकार पत्र दिया जाता है, लेकिन उसके नियमों का पालन करना होता है। इसके बाद भी मालगाड़ी इतनी स्पीड में कैसे चली, इस मामले में क्या गलती हुई है, उसी का जांच की जा रही है। सारे संबंधित रिकार्ड और अधिकार पत्र सील कर दिए गए हैं। सभी संबंधित लोगों से पूछताछ की जाएगी।
राजस्थान सरकार लाएगी मतांतरण विरोधी कानूनी, सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा
नई दिल्ली 19 जून। राजस्थान सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह राज्य में अवैध तरीके से मतांतरण के खिलाफ कानून लाने जा रही है।राज्य सरकार ने शीर्ष कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा -राजस्थान राज्य अपना खुद का कानून लाने की प्रक्रिया में है और तब तक वह इस विषय पर कानून या शीर्ष अदालत द्वारा पारित दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेगा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भरत लाल मीणा की ओर ये 2022 की एक जनहित याचिका के जवाब में यह हलफनामा दिया गया है। वकील अश्विनी उपाध्याय ने अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से शीर्ष कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को धोखाधड़ी से और विभिन्न तरह के लालच देकर कराए जाने वाले मतांतरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने और उन्हें निर्देश देने की मांग की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने केंद्र व राज्यों से जवाब मांगा था। राजस्थान ने इसी के चलते यह हफलनामा दाखिल किया था।