नईदिल्ली, २८ जून
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका देते हुए स्पष्ट किया कि सरकार के नियमों के अनुसार नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी। यदि वे नियमों के अनुसार नहीं चलते हैं तो उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना एवं जस्टिस उज्जल भूयान की वैकेशन बेंच ने गुरुवार को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ और बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ की याचिका को निरस्त करते हुए यह निर्णय सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि या तो आपलोग नौकरी छोड़ दीजिए या नहीं तो फिर सक्षमता परीक्षा पास करिए। प्रारंभिक शिक्षक संघों द्वारा सक्षमता परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अप्रैल में पटना हाई कोर्ट के भी याचिकाकर्ताओं की इस तरह की मांग निरस्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। नई शिक्षक नियमावली के अनुसार, नियोजित शिक्षकों को अगर राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करना है तो उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी, जिसके लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) की ओर से सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।