
तेजी से बढ़ता है महिलाओं का वजन
महिलाओं का वजन पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ता है. प्यूबर्टी के वक्त से ही फैट बढऩा शुरू हो जाता है. जब प्यूबर्टी आता है, तब ज्यादातर लड़कियों का वजन बढ़ जाता है. हालांकि, एडल्टहुड तक लडक़े और लडक़ी दोनों की बॉडी में फैट की मात्रा 35 से 40 प्रतिशत तक होती है. अब चूंकि महिलाएं में आसानी से वेट गेन हो जाता है, इसलिए वेट लॉस के लिए उन्हें ज्यादा और कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.
महिलाओं में धीमा होता है मेटाबॉलिज्म
महिलाओं में मेटाबॉलिज्म स्लो होने के कारण एक नॉर्मल फिजिकल एक्टिविटीज को करने के बाद भी पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम कैलोरी ही बर्न कर पाती है.
इस वजह से महिलाओं के लिए वेट लूज करना काफी चैलेंजिंग हो जाता है.
फैट स्टोरेज कैपेसिटी का अलग होना
पुरुष और महिला दोनों की बॉडी में फैट डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरेज कैपेसिटी अलग-अलग होती है. पुरुष के पेट के आसपास के हिस्सों में फैट जमा होता है, जबकि महिलाओं में हिप और थाइज के एरिया में फैट स्टोर होता है.
इसके लिए हार्मोनल पैटर्न जिम्मेदार माने जाते हैं. हिप और थाइज में जो फैट जमता है, वो काफी जिद्दी होता है. जिसकी वजह से महिलाओं को वजन कम करने के लिए काफी मशकक्त करनी पड़ती है.
फैट बर्न करना महिलाएं को लिए चैलेंजिंग
महिलाओं की तुलना में पुरुषों के शरीर में ज्यादा मांसपेशियां होती हैं. जिसकी वजह से महिलाओं की फैट बर्निंग कैपेसिटी काफी कम होती है. फैट बर्न करने में मांसपेशियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इसलिए महिलाओं को वजन कम करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.