कोरबा। कोरबा जिले के करतला विकासखंड में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कुछ कार्यों के भुगतान के मसले ने विवाद की स्थिति उत्पन्न कर दी है। इस विषय को लेकर किसी व्यक्ति ने पंचायत ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के पास ऑनलाइन शिकायत दूसरे के नाम से कर दी। इसमें नाम किसी का है तो मोबाइल नंबर किसी का और ईमेल किसी और किसी अन्य का। इसलिए पूरे मामले में पेंच फंस गया है। तरुण छत्तीसगढ़ को मिली जानकारी में बताया गया कि कुछ समय पहले एक ऑपरेटर को हटाने की कार्रवाई की गई थी इसके बाद इस प्रकार की स्क्रिप्ट रची गई।
प्राप्त सूचनाओं में बनाया गया कि जनपद पंचायत करतला अध्यक्ष के नाम से ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के प्रमुख सचिव से शिकायत की गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, मनरेगा डिवीजन से उच्च स्तरीय जांच करवाने के संबंध में शिकायत करने के साथ कुछ पेपर दिए गए हैं और दावा किया गया है कि यह प्रमाण के तौर पर उनकी जानकारी में लाए गए हैं । शिकायत करने वाले ने एक सहायक परियोजना अधिकारी की भूमिका को लेकर कुछ चीजों का उल्लेख किया है और कमिश्नर को भुगतान अटकने की वजह बताया है।बताया गया कि संबंधित विभाग को जो शिकायत की गई है उसमें कहा गया कि जिला पंचायत कोरबा में कुल ग्राम पंचायत की संख्या 412 है। सभी पंचायत में विकास कार्यों के लिए, स्वीकृति के लिए पर्याप्त मात्रा में जगह उपलब्ध है। इसके बाद भी जिला पंचायत के सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा के द्वारा कुछ ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत कार्यों की स्वीकृति एवं राशियों का भुगतान किया जाता है। केवल उन्ही ग्राम पंचायत का निर्माण कार्य स्वीकृत किया जाता है एवं सामग्री मूलक कार्यों का भुगतान किया जाता है। बाकी ग्राम पंचायत जिनके द्वारा कार्य स्वीकृत होने के बावजूद आगे फाइल नहीं बढ़ पाती। जबकि अनेक मामलों में उनका भुगतान वर्ष 2024 के अक्टूबर प्रथम तिथि तक तक लंबित है ।
यह भी कहा गया कि मटेरियल राशि का अनुपात 99 प्रतिशत तक केवल सामग्री मूलक कार्यों पर भुगतान किया गया है। जनपद पंचायत पाली में भूमि सुधार कार्य में 102 कार्य स्वीकृत है जिसमें सभी कार्यों में समान राशि 87000 रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है। जबकि कुछ पंचायत में 87 लख रुपए से अधिक तक का भुगतान किया जा चुका है।
परियोजना अधिकारी को हटाने का दबाव
इस मामले की जानकारी प्राप्त होने पर जब आगे पड़ताल की गई तो पता चला कि करतला विकासखंड में पिछले दिनों तकनीकी और अनुशासनात्मक कारणों से एक कंप्यूटर ऑपरेटर को हटाने की कार्रवाई की गई है। मामले में परियोजना अधिकारी को हटाने का दबाव था लेकिन ऐसा हो नहीं सका। फ्रस्ट्रेशन के शिकार पूर्व कर्मचारी के द्वारा बदले की भावना से उल्टे सीधे काम किया जा रहे हैं और इसी के अंतर्गत बोगस तरीके से किसी के बारे में भी शिकायत की जा रही है। पूरे मामले में जानकारी जुटाने के साथ अब आगे कदम बढ़ाए जाएंगे।