जांजगीर । बिलासपुर से मसनियाकला सक्ती तक बनी 265 करोड़ की सड़क दो साल में ही जवाब देने लगी। सड़क में जगह-जगह एक एक किलोमीटर तक दरारें पड़ गई है। जिसे भरने आनन-फानन में मुरूम डस्ट डालकर लीपापोती की जा रही है। ताकि किसी की नजर न लगे और गड्ढे भर जाएं। दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की लीपापोती पहली बार नहीं की जा रही है, बल्कि जब से सड़क बनी है तभी से इस तरह की गड़बडिय़ां उजागर हो रही है। हम जिस सड़क की बात कर रहे हैं वह हाल ही में शुरु हुई है। क्योंकि यहां पर जांजगीर जेल बिल्डिंग के पास सड़क अधूरी थी क्योंकि जमीन विवाद के चलते यहां की सड़क नहीं बन पाई थी। जेल बिल्डिंग से लेकर बनारी पेट्रोल पंप के पास की इस सड़क में आवागमन शुरू हुए मात्र 4 माह ही हुए हैं और जैसे ही इस मार्ग में आवागमन शुरु हुआ वैसे ही सड़क में भारी भरकम दरारें सामने आ गई। जिससे सड़क निर्माण में गुणवत्ता की पोल खुल गई। अब इसमें ठेकेदार के लोगों द्वारा लीपापोती का खेल शुरू कर दिया है। जहां-जहां भी गड्ढे हैं उसमें ठूंस-ठूंसकर मुरूम व बजरी को भरा जा रहा है और ऊपर डामर की लेप लगाई जा रही है। ताकि किसी को भनक न लगे और सड़क चलने लायक बन जाए। बिलासपुर से मसनिया कला सक्ती तक की एनएच 49 निर्माण का ठेका 265 करोड़ रुपए में जुआ था। इसका ठेकेदार खरसिया का सुभाष अग्रवाल है। जिसे घटिया सड़क निर्माण और समय पर काम पूरा नहीं करने के एवज में सरकार ने ठेकेदार पर 25 करोड़ की पेनाल्टी लगाई थी। इसके बाद भी सड़क बदहाल है। ठेकेदार ने सड़क निर्माण के अलावा और भी कई जरूरी मापदंडों को पूरा नहीं किया है। एनएच के 8 बड़े चौराहों में साइड की सड़कों में सुरक्षा घेरा बनाना था वह भी नहीं बनाया गया। इसके अलावा बस स्टॉप पर यात्री प्रतिक्षालय का भी निर्माण किया जाना है। वह भी नहीं किया गया, इसके चलते एनएच 49 के अफसर विवादों में है। एनएच 49 सड़क में जहां-जहां भी दरारें आई है उसे ठीक किया जा रहा है। एग्रीमेंट के मुताबिक ठेकेदार को पांच साल तक सड़क की मरम्मत करनी होती है। -विजय साहू, एसई, एनएच 49