अयोध्या, २२ दिसम्बर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन से रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव और इससे पूर्व 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संभावित आगमन की तैयारियां शिखर पर जा पहुंचीं। गुरुवार को पूर्वाह्न सरयू तट स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद से ही मुख्यमंत्री एक्शन में आ गए। उन्होंने रामजन्मभूमि में रामलला एवं हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का दर्शन-पूजन किया। मुख्यमंत्री ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के साथ निर्माणाधीन मंदिर सहित गर्भगृह का भी अवलोकन किया, जहां 22 जनवरी को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में रामलला के विग्रह की प्रतिष्ठा होनी है। राममंदिर के साथ रामनगरी भी 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी के रूप में संवर रही है। मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक कर इस महनीय अभियान की समीक्षा की और पूर्णता की ओर अग्रसर सभी योजनाओं को तय समय के भीतर पूर्ण करने का निर्देश दोहराया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री रामनगरी में हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की घोषणा करेगे।वापसी की उड़ान से पूर्व मुख्यमंत्री ने स्थानीय संतों के साथ बैठक भी की और 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री के स्वागत तथा उनकी सभा के साथ 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया।बैठक में दशरथमहल पीठाधीश्वर बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य, उदासीन ऋषि आश्रम के महंत डा. भरतदास, रंगमहल के महंत रामशरणदास, हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत धर्मदास, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेशदास, गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास, रामकचहरी मंदिर के महंत शशिकांतदास, हनुमानगढ़ी से जुड़े संत एवं हिंदूवादी कार्यकर्ता राजूदास आदि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने अयोध्या आगमन के दौरान प्रधानमंत्री पर जगह-जगह पुष्पवर्षा का भी आह्वान किया और इसके लिए करीब एक दर्जन स्थल भी सुनिश्चित किये। उन्होंने 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री का भव्य नागरिक अभिनंदन किए जाने की भी योजना को सफल बनाने की जरूरत पर बल भी दिया। उन्होंने अधिकारियों को प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सज्जित करने का निर्देश भी दिया।