
कोलकाता, १३ अगस्त । हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें बंगाल के निकाय चुनावों में संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान करने और माइक्रो पर्यवेक्षकों को तैनात करने के आयोग के दिशा-निर्देश को रद कर दिया गया था। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि एनएचआरसी के हस्तक्षेप से राज्य चुनाव आयोग की स्वायत्तता और स्वतंत्रता प्रभावित हुई है। शीर्ष अदालत एनएचआरसी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाई कोर्ट की खंडपीठ के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का निर्देश स्वतंत्र और निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराने के एसईसी के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण करने की कोशिश करता है। आयोग ने 12 जून के अपने आदेश के जरिये महानिदेशक (जांच) को एक विशेष मानवाधिकार पर्यवेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त किया था, ताकि वह हिंसा की घटनाओं की प्रत्यक्ष जानकारी दे सकें और एसईसी के परामर्श से उन संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान कर सकें, जहां उल्लंघन होने की संभावना थी। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए आयोग की अपील खारिज कर दी थी।