लखनऊ, 2१ नवंबर ।
राज्य सरकार ने शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि की कानूनी अड़चनों को खत्म कर दिया है। अब शहीद पुलिसकर्मी के जीवनसाथी अथवा कानूनी वारिस को भी अनुग्रह राशि देने की व्यवस्था की गई है। महिला पुलिसकर्मियों को भी इसके दायरे में लाया गया है। वहीं कर्तव्यपालन की अवधि में दुर्घटना में मुत्यु होने पर अब जीवनसाथी एवं माता-पिता अथवा कानूनी वारिस को अनुग्रह राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीती 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने में आने वाली अड़चनों को समाप्त करने के लिए शासनादेश में बदलाव करने की घोषणा की थी, ताकि उनके कानूनी वारिस को भी अनुग्रह राशि आसानी से मिल सके। जिसके बाद गृह विभाग ने इस बाबत शासनादेश में बदलाव किया है। नई व्यवस्था में मृतक के जीवनसाथी और कानूनी वारिस को शामिल किया गया है। यह आदेश केवल प्रदेश पुलिस के कर्मियों पर लागू होगा। सेना अथवा अर्द्धसैनिक बलों के प्रकरणों में यह प्रभावी नहीं माना जाएगा। पुलिसकर्मी के शहीद होने पर 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाती है। इसमें से 40 लाख पत्नी को, जबकि 10 लाख माता-पिता को मिलते थे। अब इसमें जीवनसाथी और कानूनी वारिस को भी जोड़ा गया है। इसी तरह दुर्घटना में मृत्यु होने पर 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि में से 20 लाख पत्नी, जबकि 5 लाख रुपये माता-पिता को दिए जाते थे।