जांजगीर-चांपा। मध्यप्रदेश के गुना में हुए भयंकर बस कांड के बाद छत्तीसगढ़ में भी आरटीओ विभाग जाग गया है। जिले में बसों की जांच के लिए अमला मैदान में उतर गए है। इस दौरान बड़ी संख्या में बसों में खामियां मिली। इसमें कई बस मालिक द्वारा फिटनेस व बीमा तक नहीं कराया गया था। हर रोज 50 से 60 बसों जिले में का संचालन होता है। इस दौरान कई बसों की हालत खराब, कंडम होती है। वहीं सवारियां ओवरलोड भरी होती है। बसों में आपातकाल गेट, चालक परिचालक की वर्दी नहीं होना, फ्रंट कांच पर परमिट, बीमा की जानकारी अंकित नहीं होना जैसी लापरवाही देती है। उधर मध्यप्रदेश के गुना में बस अग्निकांड मामले के बाद राज्य परिवहन विभाग के निर्देश के जिले के अधिकारी अलग-अलग क्षेत्र में वाहनों की चेकिंग की गई। इसमें बसों के दस्तावेज, बीमा, परमिट चेक किए गए। हालाकि भनक लगते ही सड़कों में अवैध बसें गायब हो गई। दो दिन में कुल 43 बसों की चेकिंग की गई। इसमें 2 बस में फिटनेस नहीं पाया गया। 2 बस में रिफ्लेक्टर नहीं पाया गया। 1 बस में इंश्योरेंस नहीं पाया गया। बिलासपुर पासिंग बस का मार्च 2021 से टैक्स बकाया और फिटनेस नहीं भी नहीं था। इसलिए परिवहन विभाग के कार्यालय में जप्त कर रखा गया है। अधिकारी की मानें तो बसों की चेकिंग की कार्रवाई आगे भी की जाएगी। लगातार अभियान बसों की लगातार चेकिंग होनी चाहिए। तेज गति व शराबी चालकों की जांच होना चाहिए। जिला परिवहन अधिकारी यशवंत यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश बस कांड के निर्देश पर चेकिंग की कार्रवाई की जा रही है। यह आगे भी जारी रहेगी। नियम का पालन नहीं करने वाले बसों पर कार्रवाई होगी। जांच के दौरान एक बस चालक के पास लाइसेंस नहीं पाया गया। तत्काल लाइसेंस के निर्देश दिया गया है,साथ ही 6 बसों से 1 लाख 17 हजार रुपए की चालानी राशि वसूल किया गया।