बैकुण्ठपुर। सरगुजा संभाग में विधानसभा की 14 सीटें हैं। पहली बार भाजपा व कांग्रेस ने यहां आठ महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा हैं। 1952 से हो रहे विधानसभा चुनाव में पहली बार इतनी संख्या में महिलाओं को टिकट दी गई है। इनमें भाजपा की ओर से छह तथा कांग्रेस की ओर से दो महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा गया है। वर्ष 2018 तक के चुनाव में सरगुजा संभाग से सिर्फ पांच महिलाएं ही चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंची हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में यह रिकार्ड श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव के नाम दर्ज था। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद चार महिलाओं ने ही चुनाव जीता है इनमें भाजपा से तीन और कांग्रेस से एक महिला विधायक निर्वाचित हुई हैं। सरगुजा संभाग की प्रतापपुर विधानसभा के नाम एक नया रिकार्ड दर्ज हो रहा है। विधानसभा चुनाव में यह एकमात्र ऐसी सीट बन गई है जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही महिलाओं को टिकट दी है।यहां महिलाओं के बीच सीधी टक्कर है। पहली बार आम आदमी पार्टी ने यहां से प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को रोचक बनाने का प्रयास किया है। सामरी विधानसभा में पहली बार एक महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा गया है। महिला आरक्षण विधेयक को लेकर श्रेय लेने की होड़ मची है। इस विधेयक के आने से पहले तक कांग्रेस और भाजपा, महिलाओं को टिकट देने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाती थी लेकिन महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने इस बार प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाई गई है। भरतपुर-सोनहत, बैकुंठपुर, भटगांव, प्रतापपुर, सामरी, पत्थलगांव, जशपुर सीट पर महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सरगुजा संभाग में पहली महिला विधायक बनने का रिकार्ड देवेंद्र कुमारी सिंहदेव के नाम पर दर्ज है। अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में वे अंबिकापुर व बैकुंठपुर से न सिर्फ विधायक निर्वाचित हुई थी बल्कि उन्हें मध्य्प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनाया गया था। श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की माता थी। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। उस चुनाव में भाजपा ने प्रेमनगर से रेणुका सिंह को प्रत्याशी बनाया था।रेणुका सिंह ने यहां से चुनाव जीता था।वे छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री बनी थी। वर्तमान में वे सरगुजा लोकसभा सदस्य तथा केंद्रीय राज्यमंत्री हैं। रेणुका सिंह को भाजपा ने इस बार फिर से भरतपुर-सोनहत विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया है। वे आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार में जुटी हैं।