कोरबा। कुसमुंडा में छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ ने एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण की मांग को लेकर महाप्रबंधक कार्यालय में ताला जडऩे के साथ ही अपना आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान कार्यालय में धरना दिया और अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की। कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगा दिए जाने के कारण एसईसीएल के अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्यालय समय पर नहीं पहुंच पाए। उन्हें कार्यालय जाने के लिए अन्य जुगाड़ देखना पड़ा।
आंदोलन में शामिल लोगों ने बताया कि एसईसीएल की खदानों के कारण उन्हें अपनी जमीन से विस्थापित होना पड़ा है, लेकिन अभी तक उन्हें रोजगार नहीं मिला है। उन्होंने मांग की कि एसईसीएल प्रबंधन उनकी लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण करे। उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि मांगें पूरी नहीं हो जाती। उल्लेखनीय है कि 31अक्टूबर 2021 को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में 12 घंटे खदान जाम करने के बाद एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान 1044 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं। इस आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ किसान सभा शुरू से ही उनके साथ खड़ी है। भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता रेशम यादव,दामोदर श्याम, ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
एसईसीएल कुसमुंडा कार्यालय के सामने बैठक कर नारेबाजी करते हुए बड़ी संख्या में भू विस्थापित किसान एकजुट हुए भू विस्थापितों ने कहा की 11 सितंबर को कुसमुंडा खदान बंद और कार्यालय घेराव प्रदर्शन में प्रभावित गांव के पीडि़त भू विस्थापित परिवार सहित शामिल होंगे इस बार समस्याओं के समाधान तक अनिश्चित कालीन आंदोलन होगा।