मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति को छप्परफाड़ जनादेश मिला है। इसकी उम्मीद खुद महायुति के नेता भी नहीं कर रहे थे। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 236 सीटें मिली हैं और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) मात्र 49 सीटों पर सिमट गया। यह महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी या गठबंधन को अब तक मिली सर्वाधिक सीटें हैं। इससे पहले 1972 में कांग्रेस को 222 सीटें मिली थीं। उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस अपने-अपने मजबूत गढ़ों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महायुति के तीनों दल मिलकर रविवार को मुख्यमंत्री के नाम का फैसला कर लेंगे।
विधानसभा चुनाव में भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीटें मिली हैं। सहयोगी दलों को छह सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस को 16, शिवसेना (यूबीटी) को 20 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) को 10 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। सहयोगी दलों को तीन सीटें मिली हैं। शिवसेना (यूबीटी) 95 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसका प्रदर्शन खराब रहा। भाजपा को अकेले दम पर महाविकास आघाड़ी से ढाई गुना से ज्यादा सीटें मिली हैं। आज के परिणामों में भाजपा के साथी दलों शिवसेना और राकांपा को भी चमत्कारिक जीत मिली है। इस बार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 58 सीटें मिली हैं, जबकि 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 56 सीटें ही मिल सकी थीं। शिवसेना का स्ट्राइक रेट इस बार 67.90 प्रतिशत रहा है। इसी प्रकार अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को 41 सीटें मिली हैं। उनका यह प्रदर्शन लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी बेहतर रहा है।