मनेंद्र्र्रगढ़। मानसून की दस्तक के बाद अच्छी बारिश के लिए तरस रहे किसानों को गुरूवार को बड़ी राहत मिली। दोपहर बाद लगभग पौन घंटे के भीतर अंबिकापुर सहित आसपास के इलाके में तेज वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र कतकालो में 51़ 8 मिमी वर्षा दर्ज की गई। मानसून के इस सीजन की यह सबसे ज्यादा वर्षा मापी गई। तेज बारिश से सडक़ों में पानी भर गया। गड्ढों में तब्दील एनएच के मनेंद्रगढ़ रोड के हिस्से में पानी का जमाव इतना ज्यादा हो गया कि दोपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बहरहाल तेज बारिश से भीषण उमस से लोगों को राहत मिली है।
इधर मौसम विभाग ने अलग एक-दो दिनों तक सरगुजा जिले में वर्षा होने की संभावना जताई है। इस बार देश में समय से पूर्व मानसून की दस्तक होने के बाद भी उत्तर छत्तीसगढ़ में मानसून का प्रवेश देर से हुआ। इस दौरान सामान्य वर्षा तो हुई लेकिन मानसून अनुरूप मूसलाधार वर्षा का लोगों को इंतजार था। इस बीच गुरूवार को दिनभर तेज धूप व उमस के बीच शाम चार बजे अचानक आसमान में घने बादल छा गए और तेज वर्षा आरंभ हो गई। लगभग पौन घंटे तक वर्षा हुई। इससे शहर के माया लाज चौक, पुराना बस स्टैंड, रिंग रोड, महामाया रोड सहित कई स्थानों पर पानी का जमाव हो गया। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि उत्तरी छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय है। हालांकि अभी कोई सिस्टम नहीं बनने से व्यापक वर्षा नहीं हो रही है। आने वाले एक-दो दिनों में सरगुजा सहित आसपास के इलाके में वर्षा होने की संभावना है। कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग के मनेंद्रगढ़ रोड का हिस्सा इन दिनों बदहाल है। सडक़ की मरम्मत नहीं होने से इसमें जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। कुछ स्थानों पर सडक़ के नीचे होने से बारिश के दिनों में यह मार्ग दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरनाक हो गया है। एनएच के इस हिस्से में नाली नहीं बनने से पानी सडक़ में भर जाता है। गुरूवार शाम हुई तेज बारिश के बाद एनएच तालाब के रूप में तब्दील हो गया। मनेंद्रगढ़ रोड में होटल शैलगिरी और माखन विहार के पास सडक़ पानी में डूब गया था। इससे दोपहिया वाहन चालक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सरगुजा जिले में धान की खेती में जुटे किसानों को गुरूवार को हुई तेज वर्षा से राहत मिली है। इस सीजन की सबसे ज्यादा वर्षा होने के बाद खेेतोंं की जोताई के साथ धान की नर्सरी लगाने का काम जोर पकड़ेगा। हालांकि पिछले वर्ष के अनुभवों को देखते हुए किसान नर्सरी लगाने में जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं।
गत वर्ष जून में अच्छी वर्षा के बाद किसानों ने धान की बोवाई के साथ नर्सरी लगा दी थी लेकिन बाद में वर्षा नहीं होने से फसल प्रभावित हो गई थी। तेज बारिश व घने बादलों के कारण कांग्रेस नेताओं को लेकर दरिमा हवाई अड्डे में उतरा हवाई जहाज शाम को नहीं उड़ पाया। बता दें कि प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की पत्नी के निधन के बाद तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होने एआइसीसी के महासचिव सचिन पायलट, सांसद कुमारी सैलजा सहित अन्य कांग्रेस नेता हवाई जहाज से दरिमा हवाई अड्डा आए थे।