लखनऊ। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान नहीं होने के बाद से शुरू हुई राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। निर्वाचन आयोग द्वारा मिल्कीपुर में चुनाव कराने की घोषणा न करने पर पहले सपा ने भाजपा पर उपचुनाव से डर जाने का आरोप लगाया। गुरुवार को कोर्ट से मामला न निस्तारित होने पर भाजपा ने सपा को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर ही चुनाव न चाहने का आरोप लगाया है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और भाजपा के चुनाव प्रबंधन का काम देख रहे जेपीएस राठौर ने कहा कि यदि सपा वास्तव में मिल्कीपुर सीट पर चुनाव चाहती है तो वह कोर्ट के साथ ही निर्वाचन आयोग में लिखकर दे। राठौर ने कहा कि भाजपा चुनाव चाहती है, इसीलिए उसने एक दिन पहले बुधवार को ही आयोग को पत्र सौंपकर मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव भी अन्य नौ सीटों के साथ कराने का अनुरोध कर चुकी है। पार्टी की पूरी कोशिश थी कि गुरुवार को कोर्ट से भी मामला निस्तारित हो जाए, लेकिन सपा ने ऐसा नहीं होने दिया।
वहीं, कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले बाबा गोरखनाथ ने भी कहा है कि सपा नहीं चाहती कि मिल्कीपुर में चुनाव हो। मीडिया से बातचीत में गोरखनाथ ने कहा कि सपा डर गई है इसीलिए कोर्ट में याचिका वापसी का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले समाजवादी पार्टी के लोग छाती पीट रहे थे, कह रहे थे कि भाजपा डर की वजह से चुनाव टाल रही है। अब जब हम मुकदमा वापस लेने गए तो वकील भेजने का क्या मतलब है।
गोरखनाथ ने कहा कि याचिका निस्तारित होते ही आयोग भी चुनाव कराने को तैयार था, लेकिन सपा ने पेंच फंसा दिया। दरअसल, सपा और उनका नेतृत्व डर गया है। निश्चित तौर पर भाजपा मिल्कीपुर में रिकॉर्ड मतों से जीतेगी।गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव भाजपा के अपने ही सर्वे में वो हार रहे थे। इसीलिए पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) परिवार के सब बीएलओ और अधिकारी हटा दिए गए। मुख्यमंत्री जी कई बार मिल्कीपुर गए। प्रशासन के लोगों को बुलाकर राय- मशविरा किया, इंटेलिजेंस से रिपोर्ट ली, जब उनको पता लग गया कि इतने खेल खेलने के बाद वह चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने चुनाव टाल दिया।सपा प्रमुख ने कहा कि जो जंग में नहीं आ पा रहे वो जंग से बाहर पहले हो गए। अब अपनी बदनामी से बचने के लिए कोर्ट और चुनाव आयोग का चक्कर लगा रहे हैं।