इस असामान्य स्थिति में भी है जिंदा और सक्रिय
नईदिल्ली। कर्नाटक के पश्चिमी घाट की तलहटी में एक ऐसा मेढक देखा गया है जिसकी बांई ओर से एक मशरूम पनप रहा है। विज्ञानी इस अनोखी घटना को लेकर हैरान हैं। यह पहली बार है जब किसी जीवित उभयचर से मशरूम उगते हुए देखा गया है। मेंढक की पहचान राव इंटरमीडिएट गोल्डन बैक्ड फ्रॉग (हिलाना इंटरमीडिया) के रूप में की गई है। इसे विश्व वन्यजीव कोश (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के अनुसंधानकर्ताओं समेत एक टीम ने पिछले साल 19 जून को कर्नाटक के करकला में देखा था।यह विशेष प्रजाति कर्नाटक और केरल के पश्चिमी घाटों में ही पाया जाता है। रेप्टाइल्स और एंफीबियन्स पत्रिका में इस बारे में जानकारी प्रकाशित की गई है, जिससे विज्ञानी समुदाय असमंजस में है। अनुसंधानकर्ताओं ने सडक़ किनारे बारिश के पानी के एक छोटे से तालाब में ऐसे करीब 40 मेंढक देखे।अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इनमें से एक के बाएं हिस्से में कुछ अजीब चीज दिखाई दी और करीब से पड़ताल करने के बाद उसकी बांई ओर से एक मशरूम उगता देखा गया। उन्होंने कहा कि मेढक जिंदा है और इस असामान्य स्थिति के बाद भी सक्रिय है। माइक्रोलॉजिस्ट द्वारा आगे के विश्लेषण से मशरूम की पहचान बोनट मशरूम (माइसेना प्रजाति) की एक प्रजाति के रूप में हुई, जो आमतौर पर सड़ी हुई लकड़ी पर सैप्रोट्रॉफ के रूप में पाया जाता है। सैप्रोट्रॉफ ऐसी संरचनाएं हैं जो निर्जीव जैविक वस्तुओं पर पैदा होती हैं।