
कोरबा । विधानसभा चुनाव को लेकर को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू है। चुनाव में अवैध कैश फ्लो और मतदाताओं को लुभाने सामग्री न बांटी जा सके इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में तगड़ी जांच की जा रही है। जांच में पुलिस टीम द्वारा व्यापक पैमाने पर कैश, जेवर सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है। इस तगड़ी चेकिंग के कारण सराफा कारोबारियों की टेंशन बढ़ी हुई है। जब्ती के डर से सराफा कारोबार डगमगाया हुआ है। इस वजह से गांव- गांव के बाजार में जाकर स्वर्णाभूषण बेचने वाले कारोबारी दुकान नहीं लगा पा रहे हैं।दीपावली ही वह पिक सीजन होता है जिसमें सराफा कारोबार परवान चढ़ता है, लेकिन फिलहाल इससे स्थिति उलट है। चेकपोस्ट में जांच व जब्ती के डर से कारोबारी सोना चांदी और जेवर नहीं ला पा रहे हैं। वहीं जेवर खरीदने के लिए ग्राहक भी नगदी लाने से बच रहे हैं। ऐन वक्त दीपावली के सीजन में ऐसे हालात बनने से सराफा कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है। सराफा कारोबारियों ने बताया कि शहर सहित जिले भर के अधिकांश ज्वेलर्स इंदौर, महाराष्ट्र सहित अन्य बड़े शहरों से माल बुलवाते हैं, लेकिन चुनावी आचार संहिता ने इस आयात निर्यात पर भी फिलहाल ब्रेक सा लगा दिया है। शहर के छोटे सराफा कारोबारी गांव गांव के बाजार में जाकर कारोबार करते हैं। वर्तमान में सीमावर्ती इलाकों में हर जगह जांच व जब्ती की कार्रवाई हो रही है। ऐसे में वे टीम की जांच व लफड़े में पडऩे के10 लाख से अधिक पर जब्ती के आदेश50 हजार रुपए से ज्यादा की राशि नकद ले जाने के लिए जहां दस्तावेज रखना जरूरी है। वहीं जांच के दौरान यदि किसी व्यक्ति के पास 10 लाख रुपए से अधिक की नगद राशि प्राप्त होती है तो उसे जब्त कर पास के थाने में जमा कराने के चुनाव आयोग के आदेश है। 10 लाख से ज्यादा मिलने पर इसकी सूचना आयकर विभाग को दी जाएगी। राशि के संबंध में आयकर विभाग जांच करेगी।
खासकर सराफा कारोबारियोंको अधिक परेशानी हो रहीहै। गांव-गांव में दुकान लगाने वाले सराफा व्यवसायी दुकान नहीं लगा पा रहे हैं। वहीं बाहर से माल भी नहीं मंगा पा रहे हैं। दस्तावेज संस्थानों में होते हैं। वहीं कैश कलेक्ट करने वालों को भी परेशानी हो रही है।
कारोबारियों में खौफ
डर से बाजार लगाने भी नहीं जा रहे हैं। व्यापारियों की माने तो दीपावली के समय कारोबार प्रभावित हो रहा है। 2018 के तहत चुनाव में जहां सोने के भाव में 31 हजार रुपए प्रति दस ग्राम थे। वहीं अब 62 हजार रुपए प्रति दस ग्राम है। इसके साथ अन्य वस्तुएं भी महंगी हुई है, लेकिन चुनाव आयोग के नगदी की राशि न बढ़ाते हुए अभी भी 50 हजार रुपए ही तय कर रखी है। इसका असर शहर के कारोबार पर हो रहा है। हर शहर व गांव के बार्डर में 50 हजार रुपए से ज्यादा राशि मिलने पर कहां से लाए और कहां ले जा रहे हैं। इसकी जानकारी मांगी जा रही है।
जगदीश सोनी, अध्यक्ष, कोरबा सराफा संघ