पटना, २१ नवंबर ।
अस्पतालों में नर्सिंग सेवा सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग बहुत जल्द 21 हजार से अधिक नर्स-एएनम की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की नर्सिग सेवा नियमावली को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इससे नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा। विभाग 15 दिन में नर्स-एएनएम नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लियरेंस देगा। पदाधिकारियों के अनुसार रिक्ति संबंधी अधियाचना दिसंबर तक राज्य तकनीकी सेवा आयोग को भेज दी जाएगी।प्रतियोगिता परीक्षा व साक्षात्कार के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग नर्स के 6298 एवं एएनएम के 15089 रिक्तियों की अधिसूचना भेजने की तैयारी कर रहा है।वहीं, कैबिनेट से शल्यकक्ष सहायक संवर्ग नियमावली 2014 व संशोधित नियमावली 2024 की मंजूरी मिलते ही शल्यकक्ष सहायक नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। 18 नवंबर 2024 को बिहार गजट के असाधारण अंक इसे प्रकाशित किया गया है। नियुक्ति लिखित परीक्षा के आधार पर होगी।75 अंक लिखित परीक्षा एवं अनुभव के 5 अंक प्रति वर्ष अधिकतम 25 अंक अस्पतालों में संविदा पर कार्य करने वालों को दिया जाएगा। 100 अंकों पर मेरिट बनेगी।शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान (जीव विज्ञान) एवं शल्य कक्ष सहायक कोर्स में डिप्लोमा-डिग्री है। पहले इंटरमीडिएट व शल्य कक्ष सहायक के डिप्लोमा-डिग्री कोर्स के प्राप्तांक के आधार पर नियुक्ति होती थी।
इसके अलावा, नर्सिंग सेवा को चिकित्सा संस्थानों की रीढ़ माना जाता है। मानकों का सख्ती नहीं कराने से विदेश तो दूर देश के कई राज्यों में यहां की नर्सों को नौकरी नहीं मिलती थी। नर्सिंग संस्थानों की मान्यता, परीक्षा से लेकर नर्सों के पंजीयन तक के लिए जिम्मेदार बिहार नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल (बीएनआरसी) की व्यवस्था के खिलाफ कमोवेश हर वर्ष नर्सें विरोध प्रदर्शन करती थीं।स्वास्थ्य विभाग ने इन समस्याओं से निजात के साथ पूरी कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने व त्वरित बनाने के लिए इसके डिजिटल प्लेटफार्म की शुरुआत की है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार को कहा कि अब नर्सिंग की डिग्री लेने वालों को पंजीयन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।वे घर से ऑनलाइन आवेदन कर इसे करा सकेंगी। यही नहीं, उनकी सभी समस्याओं का निदान ऑनलाइन किया जाएगा। रजिस्ट्रार निर्जला कुमारी ने कहा कि प्रदेश से नर्सिंग में बीएससी-एमएससी की डिग्री लेने वाले विदेशों तक पहुंचे इसके लिए हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।अभी प्रदेश में 382 सरकारी-निजी नर्सिंग कॉलेज हैं, जहां से हर वर्ष 28 हजार नर्सें सेवा देने के लिए निकलती हैं। 13 करोड़ की आबादी के लिए ये बहुत कम हैं।

हमनी अपनी क्षमता को बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं।इंडियन नर्सिंग काउंसिल की सचिव लेफ्टीनेंट कर्नल सर्वजीत कौर ने इसमें सुधार के कई तरीके बताएं हैं, जिन पर जल्द कार्य शुरू होगा।